Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि वह जल्द ही एक नई आउटडोर विज्ञापन नीति-2024 लाएगी। इस नई नीति का उद्देश्य होर्डिंग्स की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं और उनकी वजह से मौत या विकलांगता पर नियंत्रण लगाना है।
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नई नीति के प्रमुख बिंदु
- मुआवजा व्यवस्था: नई नीति के तहत, अगर होर्डिंग गिरने से किसी की मौत होती है या वह विकलांग हो जाता है, तो विज्ञापन कंपनियों को मुआवजा देना होगा। इसके साथ ही, संपत्तियों की क्षति होने पर भी पीड़ितों को मुआवजा देना अनिवार्य होगा।
- सार्वजनिक देयता बीमा: लाइसेंस प्राप्त करने वाली कंपनियों को तीसरे पक्ष की देनदारियों के लिए सार्वजनिक देयता बीमा पॉलिसी करना अनिवार्य होगा।
- नए मानक: प्रस्तावित नीति के अनुसार, होर्डिंग्स की ऊंचाई और चौड़ाई को सड़कों की चौड़ाई के दोगुना तक सीमित किया जाएगा। घरों और छतों पर होर्डिंग लगाने की सीमा 40 फीसदी क्षेत्र तक होगी।
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लाइसेंस और जियो टैगिंग
- लाइसेंस की अनिवार्यता: होर्डिंग लगाने से पहले संबंधित नगर निगमों से लाइसेंस प्राप्त करना होगा।
- जियो टैगिंग: नगर निकायों को सभी होर्डिंग्स की 90 दिनों के अंदर जियो टैगिंग करानी होगी और इसे उनकी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
अनधिकृत होर्डिंग्स पर कार्रवाई
- हटाने की प्रक्रिया: अनधिकृत होर्डिंग्स या विज्ञापन सामग्री को बिना किसी सूचना के हटा दिया जाएगा। नगर निकाय इसे जब्त कर सकते हैं और इसके लिए संबंधित व्यक्ति या संस्था से खर्च की वसूली की जाएगी।
- जुर्माना और वसूली: अवैध होर्डिंग्स पर पांच गुना तक जुर्माना लगाया जाएगा। समय पर शुल्क जमा न करने पर ब्याज के साथ वसूली की जाएगी।
नए दरें और सर्वेक्षण
- विज्ञापन दरें: नई नीति के तहत होर्डिंग लगाने की दरें नए सिरे से तय की जाएंगी। दरें क्षेत्रवार तय की जाएंगी और बाजार सर्वेक्षण के आधार पर निर्धारित की जाएंगी। इसके लिए एक प्रतिष्ठित संस्था को नियुक्त किया जाएगा।
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