UP News: लोकसभा चुनाव में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन के बाद, यह बात सामने आई कि मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों के बीच काफी मतभेद थे। इन मतभेदों के कारण पार्टी बूथ स्तर पर कमजोर हो गई थी। इन मतभेदों को दूर करने और पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए अब मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष हफ्ते में एक बार मुलाकात करेंगे।
मुलाकात का महत्व
मुलाकातों के दौरान, मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष पार्टी के नीचे के नेताओं की समस्याओं पर चर्चा करेंगे, जो थाने और तहसील स्तर की होती हैं। यह समस्याएं जिले स्तर पर हल की जाएंगी। लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा के दौरान, यह जिक्र किया गया था कि कार्यकर्ताओं की थाने और तहसील में सुनवाई नहीं हो रही थी। इस नई पहल का उद्देश्य इन समस्याओं को दूर करना है।
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संवाद और समीकरण
UP News: मंडल अध्यक्ष और शक्ति केंद्रों के बीच भी नियमित संवाद होगा ताकि इलाकेवार जातिगत समीकरण की रिपोर्ट मिलती रहे। इससे पार्टी को जातिगत समीकरणों को समझने और उन्हें ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही, पार्टी में कहीं बगावत तो नहीं हो रही, इसका भी पता चलता रहेगा।
संगठन की मजबूती
मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष की मुलाकात से संगठन के कार्यक्रम भी तेजी से आगे बढ़ेंगे। यह मुलाकातें पार्टी के संगठन को और भी सशक्त बनाएंगी और कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान करेंगी।
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निष्कर्ष
UP News: मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों की नियमित मुलाकातें पार्टी के संगठन को मजबूती प्रदान करेंगी और चुनावी कमजोरियों को दूर करने में मदद करेंगी। इन मुलाकातों के माध्यम से, पार्टी के नेता थाने और तहसील स्तर की समस्याओं को हल कर पाएंगे और जातिगत समीकरणों को समझ कर रणनीति बना सकेंगे। इससे पार्टी को आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।
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