Ayodhya की मिल्कीपुर विधानसभा सीट इस बार के उपचुनाव में राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र बन गई है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल इस हॉट सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। Milkypur की खासियत यह है कि यह अयोध्या जिले में स्थित है, जो बीजेपी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। बीजेपी के लिए यह चुनावी मुकाबला न केवल प्रतिष्ठा का विषय है, बल्कि अपनी खोई हुई साख को वापस पाने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है।
Milkypur सीट पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट की कमान संभाल रखी है। योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से इस सीट पर पार्टी की चुनावी रणनीति की निगरानी कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। उनके नेतृत्व में बीजेपी का पूरा चुनावी अभियान (Milkypur) में केंद्रित हो गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी इस सीट को जीतने के लिए कितनी गंभीर है। मिल्कीपुर में जीत बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश होगा, खासकर उस क्षेत्र में जहां पार्टी ने पहले अपना प्रभाव खो दिया था।
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Ayodhya: दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी (SP ) भी Milkypur में मजबूत चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है। सपा ने लाल बिहारी यादव और अवधेश प्रसाद को मिल्कीपुर की कमान सौंपी है, जबकि शिवपाल यादव को इस क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है। शिवपाल यादव की सक्रियता सपा की चुनावी रणनीति को और मजबूत करती है, क्योंकि वह अपने राजनीतिक अनुभव और प्रभाव के साथ Milkypur में SP के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सपा का उद्देश्य इस सीट पर जीत हासिल कर बीजेपी को कड़ी टक्कर देना है।
कांग्रेस भी इस चुनावी दौड़ में पीछे नहीं है। कांग्रेस ने अपने सबसे पुराने और अनुभवी नेता अखिलेश प्रताप सिंह को मिल्कीपुर का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। हालांकि, सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अब तक कोई अंतिम समझौता नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सपा से पांच सीटों की मांग कर रही है, लेकिन इस पर अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच क्या समझौता होता है, और इसका मिल्कीपुर की चुनावी लड़ाई पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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Ayodhya: Milkypur की इस हॉट सीट पर उपचुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गरमा चुका है। सभी प्रमुख दल इस सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक कदम उठा रहे हैं। इस चुनावी मुकाबले में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कौन सा दल अपनी रणनीति में सफल होता है और मिल्कीपुर की सीट पर कब्जा जमाता है।
Ayodhya: बीजेपी के लिए मिल्कीपुर सीट क्यों महत्वपूर्ण है?
Milkypur सीट बीजेपी के लिए एक प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। इस सीट पर जीत हासिल करना पार्टी के लिए अपनी खोई हुई साख को वापस पाने का अवसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट पर खुद कमान संभाल कर इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
Ayodhya: सपा और कांग्रेस की रणनीति
Ayodhya: सपा और कांग्रेस भी Milkypur की लड़ाई में पीछे नहीं हैं। सपा ने शिवपाल यादव को मिल्कीपुर का प्रभारी बनाकर अपनी चुनावी तैयारियों को धार दी है, जबकि कांग्रेस ने Akhilesh Pratap Singh को पर्यवेक्षक नियुक्त कर अपनी चुनावी रणनीति को मजबूत करने की कोशिश की है।