प्रदेश के Chief Secretary Manoj Singh ने बुधवार को चौधरी चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग का निरीक्षण किया। सड़कों के निर्माण के नाम पर पेड़ों के अंधाधुंध कटान को उन्होंने तुरंत पहचान लिया। उनके तेवरों और तल्ख लहजे ने साफ तौर पर दिखा दिया कि वे पेड़ों के कटान से बेहद आहत हैं।
MLA Atul Pradhan का मुद्दा
सरधना MLA Atul Pradhan ने गाजियाबाद के मुरादनगर से हरिद्वार के मंगलौर तक चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर सात मीटर चौड़ी सड़क के निर्माण के नाम पर पेड़ों के अंधाधुंध कटान का मुद्दा विधानसभा में उठाया था।साथ ही उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से लेकर कमिश्नर और मुख्य सचिव तक ज्ञापन भेजकर इस मुद्दे पर आवाज उठाई थी। उन्होंने वन विभाग के दफ्तर पर धरना भी दिया और एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था। इस मुद्दे के विधानसभा में गूंजने के बाद प्रदेश सरकार और प्रशासन तुरंत हरकत में आए।
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UP Chief Secretary Manoj Singh का निरीक्षण
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार शाम मुरादनगर से मुजफ्फरनगर तक चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पेड़ों के कटान को गंभीरता से लेते हुए इसे निरीक्षण का हिस्सा बनाया। उन्होंने गाजियाबाद जिले के मोदीनगर के गांव पतला निवाड़ी में पेड़ों का कटान पाया। वहां पेड़ों के कटान को छुपाने के लिए कुछ गड्ढों में नए पेड़ लगाए गए थे। ठेकेदार ने बताया कि पेड़ों को शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन जब मुख्य सचिव ने पूछा कि क्या किसी ने शिफ्टिंग करने से मना नहीं किया, तो ठेकेदार ने इससे इंकार किया।
Chief Secretary Manoj Singh की नाराजगी
इस निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव के तेवर बेहद कड़े थे। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि पेड़ों का कटान क्यों जारी है, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। इस पर मुख्य सचिव ने कड़े शब्दों में कहा कि इसके लिए सजा मिलेगी।
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विधानसभा में पेड़ों के कटान का मुद्दा उठाने वाले विधायक अतुल प्रधान मुख्य सचिव के निरीक्षण की जानकारी होने के बावजूद मौके पर नहीं पहुंचे। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से लेकर कमिश्नर और मुख्य सचिव तक ज्ञापन भेजकर इस मुद्दे पर आवाज उठाई थी। उन्होंने वन विभाग के दफ्तर पर धरना भी दिया और एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का यह निरीक्षण पेड़ों के अंधाधुंध कटान पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि विकास कार्य पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं।
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