Sambhal: मुस्लिम धर्मगुरु शहर काजी मगरूब ने मुस्लिम समुदाय द्वारा संचालित होटलों, रेस्टोरेंट और ढाबों के बोर्ड पर होटल संचालक का नाम लिखे जाने के आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम किसी को धोखा देने की इजाजत नहीं देता, इसलिए यह निर्देश बिल्कुल जायज है। मगरूब ने कहा कि इस आदेश से पारदर्शिता और विश्वास में वृद्धि होगी।
शहर काजी मगरूब ने यह भी कहा कि मुस्लिम होटलों, रेस्टोरेंट और ढाबों के हिन्दू धार्मिक नाम रखने पर प्रतिबंध का आदेश गलत है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवसायी को अपने होटल या रेस्टोरेंट का नाम रखने की आजादी होनी चाहिए, चाहे वह नाम हिंदू धार्मिक हो या मुस्लिम धार्मिक। इस प्रकार की आजादी किसी भी लोकतांत्रिक समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।
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Sambhal: मुस्लिम धर्मगुरु का समर्थन:
शहर काजी मगरूब ने जोर देकर कहा कि पारदर्शिता और विश्वास के लिए होटल संचालकों के नाम बोर्ड पर लिखना उचित है। इससे ग्राहकों को यह पता चल सकेगा कि वे किसके होटल में जा रहे हैं और यह किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा।
धार्मिक नामों पर प्रतिबंध:
हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि होटलों और रेस्टोरेंट के नामों पर प्रतिबंध अनुचित है। उन्होंने कहा कि यह आदेश धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है और किसी भी व्यवसायी को अपने संस्थान का नाम रखने की पूरी आजादी होनी चाहिए। चाहे वह नाम किसी भी धर्म से जुड़ा हो, यह उनका व्यक्तिगत अधिकार है और इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए।
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नागरिकों की प्रतिक्रिया:
शहर के अन्य नागरिकों ने भी इस आदेश पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोगों ने समर्थन किया है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और व्यवसायिक नैतिकता में सुधार होगा, जबकि अन्य ने धार्मिक नामों पर प्रतिबंध को अनुचित और असंवैधानिक बताया है।
Sambhal: प्रशासन का दृष्टिकोण:
स्थानीय प्रशासन ने इस आदेश को लागू करने के पीछे की मंशा स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य केवल पारदर्शिता और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस आदेश का पालन न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता का पूरा सम्मान किया जाएगा।
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