Ghaziabad के बाला त्रिपुर सुन्दरी मठ मंदिर में नवरात्रि के पावन अवसर पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। यहाँ दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर और जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता में देशभर के आठ स्थानों पर नवरात्रि अनुष्ठान हो रहे हैं। इन अनुष्ठानों का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की जागरूकता फैलाना है।
माँ कात्यायनी की पूजा अर्चना
बुधवार को नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की विधिवत पूजा की गई। वैदिक मंत्रों के साथ महंत गिरिशानंद गिरी जी महाराज और आचार्य राम मनोहर ने इस अनुष्ठान का आयोजन किया। भक्तों ने माता के इस रूप की आराधना कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
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माँ कालरात्रि की विशेष पूजा
Ghaziabad: नवरात्रि के सातवें दिन, यानी सत्तमी तिथि पर माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है। महंत गिरिशानंद गिरी जी ने बताया कि माता पार्वती के क्रोध से उत्पन्न देवी कालरात्रि दुष्टों का नाश करती हैं और भक्तों को भयमुक्त करती हैं। भक्तों का मानना है कि माँ कालरात्रि की आराधना से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
पूजा के दौरान लाल वस्त्र और गुड़ का भोग
Ghaziabad: महंत विजय गिरी जी ने बताया कि माँ कालरात्रि को लाल रंग बेहद प्रिय है, इसलिए भक्तों को पूजा के दौरान लाल वस्त्र धारण करने चाहिए। साथ ही, गुड़ का भोग लगाने से विशेष आशीर्वाद मिलता है। यह दिन भक्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
दुर्गा सप्तशती पाठ और विश्व शांति के लिए हवन
Ghaziabad: महंत गिरिशानंद गिरी जी ने सनातन संस्कृति के प्रचार के साथ नौ दिवसीय साधना की शुरुआत की। सांयकाल में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों के साथ विश्व शांति के लिए हवन किया गया। भक्तों ने महाराज के साथ आहुतियां दीं और नवरात्रि के दौरान सुख और शांति की कामना की।
सभी भक्तों के लिए निमंत्रण
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने सभी भक्तों को इस पावन अवसर पर मंदिर आने का आमंत्रण दिया और नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। भक्तों के लिए प्रातः काल दुर्गा सप्तशती का पाठ और रात्रि 8 बजे से शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।