Lucknow: नीट यूजी-2024 में कथित धांधली की शिकायत करने वाली लखनऊ की छात्रा आयुषी पटेल की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जांच में पाया गया कि आयुषी पटेल ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पर झूठे आरोप लगाए थे। इस मामले में हाईकोर्ट ने एनटीए को समुचित कार्रवाई करने की अनुमति भी दे दी है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि आयुषी पटेल द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की सत्यता की जांच की गई और वे फर्जी पाए गए। इसके आधार पर कोर्ट ने आयुषी की याचिका को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने एनटीए को इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई करने की छूट दी है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
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इस फैसले से नीट परीक्षाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने में मदद मिलेगी। एनटीए ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि वे इस प्रकार की धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कार्रवाई करेंगे। एनटीए के एक अधिकारी ने बताया कि इस निर्णय से अन्य छात्रों को भी सच्चाई और ईमानदारी के साथ परीक्षा प्रक्रिया में शामिल होने की प्रेरणा मिलेगी।
आयुषी पटेल ने नीट यूजी-2024 में कथित धांधली की शिकायत की थी, जिसमें उसने एनटीए पर गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन जांच में यह सामने आया कि उसने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर ये आरोप लगाए थे। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब एनटीए इस मामले में आयुषी पटेल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
इस घटना ने परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।