उत्तर प्रदेश के बरेली में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक नाई की लापरवाही के कारण डेढ़ महीने के मासूम की जान चली गई। यह घटना फतेहगंज के पूर्वी थाना क्षेत्र के शिवपुरी गांव की है। नवजात अरमान का Khatna कराने के दौरान नाई ने गलती से गलत नस काट दी, जिससे बच्चे की मौत हो गई।
अरमान के पिता शरीफ अहमद की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने अपने बेटे का खतना कराने के लिए एक नाई को चुना। नाई कबीर ने 11 अगस्त को 500 रुपये लेकर खतना किया। लेकिन इस दौरान उसने गलती से गलत नस काट दी, जिससे बच्चे के शरीर से अत्यधिक रक्तस्राव होने लगा।
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परिजनों ने बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन खून का बहाव इतना ज्यादा था कि कुछ ही समय में बच्चा बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद शरीफ अहमद ने नाई कबीर के खिलाफ धारा 105 के तहत शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपी नाई की तलाश शुरू कर दी है, जो घटना के बाद से फरार है।
इस घटना के बाद बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप वार्ष्णेय ने चेतावनी दी कि खतना जैसी सर्जिकल प्रक्रियाएं केवल प्रशिक्षित सर्जनों द्वारा ही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के दौरान सेप्सिस, ब्लीडिंग और अन्य जटिलताओं का खतरा रहता है, जिसे केवल एक विशेषज्ञ ही संभाल सकता है।
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इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि ऐसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए योग्य और प्रशिक्षित चिकित्सा विशेषज्ञों की सहायता लेनी चाहिए। गरीब परिवारों को सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की सेवाएं लेनी चाहिए, जहां मुफ्त में सर्जरी की जाती है, ताकि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जा सके।
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