Piluwa Mahavir Temple: बजरंग बली की महिमा का जितना भी गुणगान किया जाए, वह कम है। अगर कोई भक्त सच्चे मन से हनुमान भगवान की पूजा करता है, तो उसे इसका फल अवश्य मिलता है। मंगलवार का दिन बजरंग बली का दिन माना जाता है और इस दिन हनुमान जी के मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिलती है। दुनियाभर में बजरंगबली के कई मंदिर हैं, लेकिन कुछ मंदिर बहुत दुर्लभ भी हैं। इन्हीं में से एक है इटावा में स्थित पिलुआ महावीर मंदिर।
पिलुआ महावीर मंदिर की विशेषताएँ
Piluwa Mahavir Temple: पिलुआ महावीर मंदिर उत्तर प्रदेश के इटावा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर में चमत्कारी प्रभाव हैं, जिसकी वजह से यहाँ पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। खासकर मंगलवार के दिन देशभर से भक्त यहाँ आते हैं और बजरंग बली के प्रति अपनी आस्था दिखाते हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई अवस्था में स्थित है। ऐसी दुर्लभ मूर्तियाँ जो लेटी हुई नजर आती हैं, पिलुआ महावीर मंदिर को और भी खास बनाती हैं।
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पिलुआ महावीर मंदिर का इतिहास
Piluwa Mahavir Temple: पिलुआ महावीर मंदिर का इतिहास लगभग 300 साल पुराना है। इसका निर्माण राजा हुक्म चंद्र प्रताप चौहान ने कराया था। कहा जाता है कि राजा हुक्म चंद्र प्रताप चौहान ने हनुमान भगवान की मूर्ति को हटाने की कोशिश की, लेकिन वे उसे उस स्थान से हिला भी नहीं सके। इसके बाद से ही इस स्थान पर मंदिर बनाया गया और बजरंग बली की पूजा शुरू हो गई।
पिलुआ महावीर मंदिर के चमत्कार
Piluwa Mahavir Temple: पिलुआ महावीर मंदिर हनुमान जी के चमत्कारी मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को लेकर एक खास मान्यता है कि यहाँ पर भगवान को जो भी प्रसाद चढ़ाया जाता है, वह स्वयं ग्रहण कर लेते हैं। इसके बाद प्रसाद का स्थान अब तक एक रहस्य बना हुआ है। इसके अलावा, कहा जाता है कि हनुमान भगवान की लेटी हुई मूर्ति सांसें भी लेती है और इसके आस-पास से “जय सिया राम” की ध्वनि भी लगातार सुनाई देती रहती है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में साक्षात बजरंग बली का निवास है।
क्यों है पिलुआ महावीर मंदिर खास?
- दुर्लभ मूर्ति: हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती है।
- चमत्कारी प्रभाव: प्रसाद ग्रहण करने की अनोखी मान्यता और अन्य चमत्कारिक घटनाएँ।
- इतिहासिक महत्व: 300 साल पुराना इतिहास और राजा हुक्म चंद्र प्रताप चौहान द्वारा निर्मित।
- भक्तों की आस्था: विशेषकर मंगलवार के दिन भारी भीड़ और भक्तों की वफादारी।