Uttar Pradesh News: आज प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय स्थित मिनी सचिवालय परिसर में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने नवीन न्यायालय भवन और अधिवक्ताओं के लिए लिटिगेंट शेड का लोकार्पण किया। इस अवसर पर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति मुन्नुरी लक्ष्मण, फरजंद अली, विनीत माथुर और प्रतापगढ़ के जिला एवं सेशन न्यायाधीश ओमी पुरोहित भी उपस्थित रहे।
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न्यायालय भवन का निर्माण और उसकी आवश्यकताएं
Uttar Pradesh News: मुख्य न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने अपने भाषण में बताया कि प्रतापगढ़ में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण को दो वर्ष से अधिक समय हो चुका है, लेकिन उसका लोकार्पण अब तक नहीं हुआ था। उन्होंने प्रतापगढ़ के संरक्षक न्यायाधिपति और बिल्डिंग कमेटी के अध्यक्ष विनीत माथुर से इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त की। माथुर ने बताया कि अधिवक्ताओं के बैठने के लिए चैम्बर का निर्माण अभी प्रारंभ नहीं हुआ है और इसके लिए स्वीकृति भी जारी नहीं हुई है।
लिटिगेंट शेड का निर्माण
Uttar Pradesh News: इस स्थिति को देखते हुए, मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव ने तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बजट प्रस्ताव मांगा, जिसके पश्चात लिटिगेंट शेड के निर्माण की स्वीकृति जारी की गई। जब तक अधिवक्ताओं के चैम्बर्स का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक एक और लिटिगेंट शेड के निर्माण की अंतरिम स्वीकृति भी जारी की गई है। भविष्य में किसी भी न्यायालय के नवीन भवन का लोकार्पण अधिवक्ताओं के चैम्बर्स के निर्माण के बाद ही किया जाएगा।
लंबित प्रकरणों का निस्तारण
मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतापगढ़ जिले में लगभग 13,000 प्रकरण लंबित हैं। इनका त्वरित निस्तारण करने के लिए पर्याप्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों के आपसी समझौते से निपटाने की सलाह दी।
न्यायालय की वर्तमान स्थिति
प्रतापगढ़ के जिला एवं सेशन न्यायाधीश ओमी पुरोहित ने मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव और अन्य न्यायाधीशों का स्वागत करते हुए बताया कि वर्तमान में प्रतापगढ़ की एमएसीटी कोर्ट में 100 केस पेंडिंग हैं, जिनमें से करीब 35-40 प्रकरणों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में कर दिया जाएगा। उन्होंने अधिवक्ताओं के लिटिगेंट शेड के लिए 46 लाख रूपये की तत्काल स्वीकृति दिए जाने पर धन्यवाद दिया।
न्यायाधीशों के वक्तव्य
इस अवसर पर न्यायाधीश फरजंद अली ने सभी को बधाई दी और न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण ने प्रतापगढ़ जिले की प्राकृतिक सुंदरता की तारीफ की। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के चार आधार स्तम्भ हैं – इन्फ्रास्ट्रक्चर, न्यायालय की आम लोगों से कम दूरी, न्यायालय की कार्यप्रणाली और आम जन की सुविधा, जिसमें उन्हें कम खर्च में सही न्याय मिलना शामिल है।
न्यायपालिका के चार आधार स्तम्भ
प्रतापगढ़ न्याय क्षेत्र के संरक्षक न्यायाधीश और राजस्थान न्यायपालिका की बिल्डिंग कमेटी के अध्यक्ष विनीत माथुर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए नवीन न्यायालय भवन के लोकार्पण की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया कि उनकी आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि पूरी कोशिश करते हुए लिटिगेंट शेड निर्माण के लिये 46 लाख रूपये की स्वीकृति तत्काल जारी की गई और शीघ्र ही अधिवक्ताओं के चैम्बर के निर्माण के लिये भी स्वीकृति जारी की जाएगी। प्रतापगढ़ अभिभाषक संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह बंजारा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए जिले के इस आदिवासी क्षेत्र को नवीन न्यायालय भवन और लिटिगेंट शेड प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।