Prayagraj: महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर कुछ ही देर में एक महत्वपूर्ण बैठक शुरू होने जा रही है। इस बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मेला प्राधिकरण के बीच महत्वपूर्ण चर्चा होगी। बैठक में विभिन्न अखाड़ों के साधु संतों का आगमन हो चुका है।
बैठक के मुख्य बिंदु:
- महाकुंभ की तैयारियां: महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर यह बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण है। अखाड़ा परिषद और मेला प्राधिकरण के बीच आयोजित इस बैठक में महाकुंभ के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी, जिसमें सुरक्षा, स्वच्छता, और अन्य व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें - फर्जी संतों का मुद्दा: निर्मल अखाड़े के सचिव महन्त देवेंद्र शास्त्री ने बैठक में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की तैयारियों के साथ-साथ फर्जी संतों और बाबाओं को मेले से बहिष्कृत करने का अनुरोध मेला प्राधिकरण से किया जाएगा। उनका कहना है कि फर्जी संतों की पहचान और उन्हें महाकुंभ से बाहर करने के लिए अखाड़ा परिषद अपनी तरफ से भी कार्रवाई करेगी।
- फर्जी संतों की सूची: महन्त देवेंद्र शास्त्री ने यह भी बताया कि जल्द ही फर्जी संतों को चिन्हित करके उनकी सूची जारी की जाएगी। इसका उद्देश्य महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखना और श्रद्धालुओं को सच्चे संतों और बाबाओं के सानिध्य में लाना है।
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Prayagraj साधु संतों का आगमन:
बैठक में अखाड़ों के साधु संतों का आगमन शुरू हो चुका है। इन संतों का इस बैठक में विशेष योगदान होगा और वे महाकुंभ की तैयारियों और व्यवस्थाओं पर महत्वपूर्ण सुझाव देंगे।
प्रशासनिक तैयारी:
मेला प्राधिकरण ने इस बैठक को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं। इस बैठक से महाकुंभ 2025 की तैयारियों में तेजी आने की उम्मीद है और आने वाले श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
Prayagraj निष्कर्ष:
महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर आयोजित इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महाकुंभ के दौरान सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें। फर्जी संतों को बाहर करने का प्रयास भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखा जा सके।
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