Prayagraj: गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी ने शहर के लेटे हनुमान मंदिर को गंगा जल से सराबोर कर दिया है। इस पावन अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगा जी का स्वागत किया गया और मंदिर परिसर में हर हर महादेव और हर हर गंगे के नारों से गूंज उठा।
गंगा का पावन स्नान
प्रयागराज में गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा का पानी लेटे हनुमान मंदिर तक पहुंच गया है। यह धार्मिक स्थल संगम के निकट स्थित है और यहां गंगा जल के पहुंचने को बहुत शुभ माना जाता है। हर साल जब गंगा का पानी हनुमान जी को स्नान कराता है, तो इसे शुभ संकेत के रूप में देखा जाता है। मान्यता है कि जिस वर्ष गंगा जी हनुमान जी को स्नान कराती हैं, उस साल शहर में कोई विपत्ति नहीं आती है।
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वैदिक मंत्रोच्चार और स्वागत
गंगा जी के जल के मंदिर में प्रवेश करने पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनका स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं और पुजारियों ने मिलकर इस पवित्र अवसर को मनाया। मंदिर परिसर हर हर महादेव और हर हर गंगे के नारों से गूंज उठा। यह दृश्य बहुत ही भक्तिमय और रोमांचक था, जिसने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मंदिर के कपाट बंद
गंगा जल के मंदिर परिसर में प्रवेश करने के बाद, मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। यह परंपरा है कि जब गंगा जल मंदिर में प्रवेश करता है, तो इसे पवित्र और सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। यह कदम इसलिए उठाया जाता है ताकि पवित्रता बनी रहे और गंगा जल का प्रभाव पूरा मंदिर परिसर में फैले।
गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी
गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी ने प्रयागराज के निवासियों को सतर्क कर दिया है। मानसून के मौसम में नदियों का जलस्तर बढ़ना सामान्य है, लेकिन इस वर्ष जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे संभावित बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
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धार्मिक और सामाजिक महत्व
गंगा जल का लेटे हनुमान मंदिर तक पहुंचना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस घटना को शुभ संकेत माना जाता है और लोगों का विश्वास है कि इससे शहर की समस्याएं कम होंगी और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होगी। हर साल इस घटना का श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार करते हैं और इसे भगवान का आशीर्वाद मानते हैं।
प्रशासन की तैयारी
प्रशासन ने बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। बचाव दल और राहत सामग्री को तैयार रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। स्थानीय निवासियों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और इससे लेटे हनुमान मंदिर तक गंगा जल पहुंच गया है। यह घटना धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसे शुभ संकेत के रूप में देखा जाता है। प्रशासन और स्थानीय निवासियों ने इस घटना को सतर्कता और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया। अब मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं और प्रशासन ने संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।