UP News: ऑनलाइन हाजिरी के खिलाफ प्राइमरी और जूनियर स्कूल अध्यापकों का विरोध प्रदर्शन

UP News: प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के सैकड़ों अध्यापकों ने आज कलेक्ट्रेट में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। महिला और पुरुष अध्यापकों ने ऑनलाइन हाजिरी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और इसे नियम विरुद्ध बताया। इसके अलावा, उन्होंने अन्य कई मांगों को भी उठाया, जिनमें E.L (अर्जित अवकाश) और C.L (कम्पसरी अवकाश) को बढ़ाने की मांग शामिल है।

प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में दफ्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जिन पर उनकी मांगें लिखी हुई थीं। अध्यापकों का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली से उनका कामकाज प्रभावित हो रहा है और यह प्रणाली उनके लिए अत्यधिक तनावपूर्ण है। उन्होंने इसे तत्काल समाप्त करने की मांग की।

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UP News: प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। उनका कहना है कि वे भी अन्य राज्य कर्मचारियों की तरह ही कड़ी मेहनत करते हैं और उन्हें भी उसी तरह के लाभ मिलने चाहिए। अध्यापकों ने कहा कि राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने से उन्हें अपनी सेवाओं का उचित सम्मान मिलेगा और वे और अधिक उत्साह के साथ काम कर सकेंगे।

अध्यापकों ने अपने प्रदर्शन में सरकार से यह भी अपील की कि उनके E.L और C.L को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें अतिरिक्त अवकाश की आवश्यकता है ताकि वे अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में संतुलन बना सकें।

UP News: प्रदर्शन के दौरान अध्यापकों ने नारेबाजी की और अपनी मांगों को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगे। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से अपील की कि वे उनकी समस्याओं को गंभीरता से लें और उन्हें जल्द से जल्द हल करें।

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प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे अपना आंदोलन और भी तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और किसी भी प्रकार का त्याग करने को तैयार हैं।

प्रदर्शन के बाद, प्रशासन के प्रतिनिधियों ने अध्यापकों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। अधिकारियों ने अध्यापकों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और जल्द ही उनके समाधान के लिए कदम उठाए जाएंगे।

UP News: यह विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि अध्यापक अपनी समस्याओं को लेकर कितने गंभीर हैं और वे अपने अधिकारों के लिए किस हद तक जा सकते हैं। सरकार को अब इस मामले में त्वरित और सार्थक कार्रवाई करनी होगी ताकि अध्यापकों की समस्याओं का समाधान हो सके और शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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