Lucknow में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के दखल के बावजूद डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। डिजिटल अटेंडेंस के निर्णय को अगले आदेश तक स्थगित करने के बाद भी शिक्षकों की नाराजगी कम नहीं हो रही है। शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, और कर्मचारी संयुक्त मोर्चा एक बार फिर आंदोलन की तैयारी में हैं।
शिक्षकों की नाराजगी
शिक्षकों ने फैसला किया है कि वे विद्यालय के किसी भी रजिस्टर को न तो ऑनलाइन अपडेट करेंगे और न ही प्रार्थना सभा की सेल्फी भेजेंगे। उनका कहना है कि विभाग को डिजिटलाइजेशन के आदेश को वापस लेना चाहिए। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के उस आदेश का भी शिक्षकों द्वारा विरोध किया जा रहा है जिसमें कहा गया है कि शिक्षक प्रार्थना सभा में बच्चों के साथ खुद की सेल्फी भेजें।
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मुख्य सचिव का दखल
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए डिजिटल अटेंडेंस के निर्णय को स्थगित करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद, शिक्षकों की नाराजगी कम नहीं हुई है। उनका कहना है कि डिजिटल अटेंडेंस के निर्णय से शिक्षकों की स्वतंत्रता और उनकी कार्यप्रणाली पर असर पड़ रहा है।
आंदोलन की तैयारी
शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि जब तक विभाग अपने डिजिटलाइजेशन के आदेश को वापस नहीं लेता, तब तक वे अपने विरोध को जारी रखेंगे। इसके लिए वे राज्यव्यापी हड़ताल और विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।
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शिक्षकों की मांगें
- डिजिटल अटेंडेंस आदेश को वापस लिया जाए: शिक्षकों का कहना है कि डिजिटल अटेंडेंस की प्रक्रिया में कई तकनीकी समस्याएं हैं और यह उनके काम को और भी जटिल बना रही है।
- प्रार्थना सभा की सेल्फी भेजने का आदेश रद्द हो: शिक्षकों का मानना है कि यह आदेश उनकी निजता का उल्लंघन है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
- शिक्षकों की स्वतंत्रता का सम्मान हो: शिक्षकों का कहना है कि उन्हें अपने कार्य करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए और उन्हें अनावश्यक नियमों और आदेशों से मुक्त रखा जाना चाहिए।
निष्कर्ष
Lucknow में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर चल रहे विरोध से यह स्पष्ट है कि शिक्षक अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के प्रति सजग हैं। मुख्य सचिव के हस्तक्षेप के बावजूद, शिक्षकों का आंदोलन यह दर्शाता है कि वे अपने हितों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। अब देखना यह है कि विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और शिक्षकों की मांगों को कैसे पूरा करता है।
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