Ayodhya: राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित होने वाले राम दरबार की मूर्ति की मुद्रा पर धार्मिक समिति ने रामचरितमानस में लिखी चौपाइयों के आधार पर निर्णय लिया है। राम दरबार का वर्णन करते हुए बताया गया है कि भगवान राम माता सीता के साथ राज सिंहासन पर विराजमान होंगे। सिंहासन के पीछे दोनों छोर पर लक्ष्मण और शत्रुघ्न खड़े होंगे और सिंहासन के आगे की तरफ हनुमान जी और भरत चरणों में बैठे हुए मुद्रा में दर्शन देंगे।
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रथम तल पर मंदिर निर्माण के साथ राम दरबार को स्थापित किए जाने के लिए प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत ने धार्मिक समिति के सदस्यों और संतो के साथ मंथन शुरू कर दिया था। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के व्यवस्था प्रमुख गोपाल जी राव ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान के जयपुर में राम मंदिर के परकोटे में बन रहे मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियों का कार्य शुरू हो चुका है।
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Ayodhya: राम दरबार में भगवान श्री राम और माता सीता सिंहासन पर बैठे होंगे, जिनके आगे दाहिने और बाएं तरफ हनुमान जी और भरत की मूर्तियाँ नीचे बैठी रहेंगी। सिंहासन के पीछे लक्ष्मण और शत्रुघ्न खड़े मुद्रा में दर्शन देंगे।
गोपाल जी राव ने आगे बताया कि राम मंदिर में दर्शन के साथ मंदिर निर्माण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। लगभग 2000 मजदूर मंदिर निर्माण के कार्य में जुटे हुए हैं। प्रथम तल का कार्य पूर्ण होने की ओर है और दूसरे मंजिल का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। चार मंडपों का कार्य पूरा हो चुका है और पाँचवे मंदिर का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है, जिसके बाद शिखर का कार्य प्रारंभ होगा। इसके साथ-साथ परकोटा और सबसे बड़े मंडप का कार्य भी तेजी से प्रगति पर है।
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Ayodhya: राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार का दर्शन करने के लिए ट्रस्ट से अनुमति लेनी होगी। ट्रस्ट के मुताबिक, प्रथम तल पर सभी दर्शनार्थियों का जाना अपेक्षित नहीं है। इसके लिए केवल कुछ ही लोगों की व्यवस्था बनाई जाएगी। यदि एक लाख दर्शनार्थी प्रथम तल पर जाएंगे तो दर्शन में समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए कुछ चुने हुए लोगों को ही प्रथम तल पर दर्शन का अवसर दिया जाएगा। बाकी अन्य श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर सकेंगे। इस व्यवस्था के माध्यम से ट्रस्ट यह सुनिश्चित करना चाहता है कि श्रद्धालुओं को बिना किसी असुविधा के राम दरबार का दर्शन प्राप्त हो सके।
Ayodhya: इस प्रकार राम मंदिर के निर्माण और दर्शन की प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है। धार्मिक समिति और ट्रस्ट की ओर से उठाए गए कदमों से भक्तों को सर्वोत्तम अनुभव मिल सकेगा। राम मंदिर का निर्माण और उसमें स्थापित मूर्तियों का कार्य पूरा होने के बाद, यह मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा।
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