Lucknow: आगामी उपचुनावों के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (सपा) ने नए समीकरण तैयार करने शुरू कर दिए हैं। पार्टी ने पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) के साथ-साथ ब्राह्मण वोटर्स को भी अपने पाले में लाने की योजना बनाई है। यह रणनीति विशेष रूप से उन सीटों पर लागू की जा रही है जहां ब्राह्मण वोटर्स की बड़ी संख्या है।
ब्राह्मण वोटर्स पर फोकस
सपा ने उपचुनाव की सीटों पर ब्राह्मणों की तादाद को देखते हुए अपनी रणनीति बनाई है। टिकट वितरण में अपर कास्ट, खास तौर पर ब्राह्मणों को तवज्जो देने की योजना है। पार्टी ने मझवा, कटेहरी, फूलपुर, गाजियाबाद, सीसामाउ, और मिल्कीपुर सीटों पर सवर्ण वोटर्स की बड़ी तादाद को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति तैयार की है।
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ब्राह्मणों को साथ लेने की योजना
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ब्राह्मण वोटर्स को अपने साथ लाने के लिए विशेष प्रयास शुरू किए हैं। पार्टी का मानना है कि पीडीए के साथ ब्राह्मण वोटर्स का समर्थन उन्हें उपचुनाव में बढ़त दिला सकता है। इसके लिए पार्टी ब्राह्मण समुदाय के नेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ संपर्क साध रही है और उनकी मांगों और मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की योजना बना रही है।
टिकट वितरण में बदलाव
उपचुनाव के लिए टिकट वितरण में सपा ने ब्राह्मण समुदाय के उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, मझवा, कटेहरी, फूलपुर, गाजियाबाद, सीसामाउ, और मिल्कीपुर सीटों पर ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने की संभावना है। यह निर्णय ब्राह्मण वोटर्स को आकर्षित करने और उनके समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
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उपचुनाव के बाद की योजना
सपा की यह रणनीति केवल उपचुनाव तक सीमित नहीं है। पार्टी की योजना है कि उपचुनाव में ब्राह्मण वोटर्स का समर्थन मिलने पर 2027 के विधानसभा चुनावों में भी इस समीकरण को बनाए रखा जाए। इसके लिए पार्टी ने ब्राह्मण समुदाय के साथ स्थायी संबंध बनाने और उनके मुद्दों को सुलझाने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं तैयार की हैं।
रणनीतिक महत्व
सपा की यह रणनीति उनके राजनीतिक भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है। ब्राह्मण वोटर्स का समर्थन पार्टी को उपचुनावों में बढ़त दिलाने में मदद कर सकता है और साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार कर सकता है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि ब्राह्मण समुदाय का समर्थन मिलने से वे अन्य समुदायों के वोटर्स को भी आकर्षित कर सकते हैं।
लखनऊ उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने नए समीकरण तैयार किए हैं, जिसमें पीडीए के साथ-साथ ब्राह्मण वोटर्स पर विशेष फोकस है। पार्टी ने ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट देने की योजना बनाई है और ब्राह्मण समुदाय के साथ स्थायी संबंध बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। यह रणनीति सपा को उपचुनावों में बढ़त दिलाने के साथ-साथ 2027 के विधानसभा चुनावों में भी लाभ पहुंचा सकती है। आगामी उपचुनावों में सपा की इस रणनीति का परिणाम देखने लायक होगा।
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