Noida के सेक्टर-122 में एक नया मामला सामने आया है, जिसमें निगम ने सी-ब्लॉक निवासी रेलवे कर्मी बसंत शर्मा को 4.02 करोड़ रुपये का बिजली बिल भेजा है। जैसे ही बसंत को फोन पर बिल का मैसेज मिला, वे चौंक गए। पिछले महीने का बिजली बिल मात्र 1400 रुपये था, जो इस बार अचानक 28 हजार गुना बढ़कर 4.02 करोड़ रुपये हो गया।
घटना का विवरण
बसंत शर्मा ने बताया कि उन्हें बीते माह का बिजली बिल 1400 रुपये आया था, लेकिन इस बार का बिल सीधे 28 हजार गुना बढ़कर 4.02 करोड़ रुपये हो गया है। बिजली विभाग की ओर से भेजे गए मैसेज में उन्हें 24 जुलाई तक छूट के साथ बिल जमा करने को कहा गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि तय अवधि तक बिल जमा करने पर उन्हें करीब 2.84 लाख रुपये की छूट मिलेगी।
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स्थानीय प्रतिक्रिया
सेक्टर-122 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि विद्युत निगम की तरफ से मीटर रीडिंग सही तरीके से नहीं ली जाती है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब इस प्रकार की गलती हुई है। विद्युत निगम को मीटर रीडिंग के मामले में अधिक सतर्क और जिम्मेदार होना चाहिए।”
Noida बसंत शर्मा की प्रतिक्रिया
बसंत शर्मा ने इस असामान्य बिल के बारे में तुरंत विद्युत निगम से संपर्क किया और इस गलती को सुधारने की मांग की। उन्होंने कहा, “यह एक बहुत बड़ी गलती है और इससे हमें बहुत परेशानी हो रही है। हमें उम्मीद है कि विद्युत निगम इस समस्या को जल्द ही हल करेगा।”
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निगम की प्रतिक्रिया
विद्युत निगम ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि यह एक तकनीकी त्रुटि के कारण हुआ है। निगम के एक अधिकारी ने कहा, “हम इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं और जल्द ही इसे सुधारेंगे। उपभोक्ता को सही बिल भेजा जाएगा और इस प्रकार की गलती दोबारा न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”
मीटर रीडिंग की समस्या
यह घटना इस बात को उजागर करती है कि मीटर रीडिंग की सही तरीके से निगरानी और क्रियान्वयन कितनी महत्वपूर्ण है। कई उपभोक्ताओं ने इस प्रकार की समस्याओं का सामना किया है, जहां गलत रीडिंग के कारण उन्हें असामान्य बिल प्राप्त हुए हैं। विद्युत निगम को इस दिशा में सुधार करने और उपभोक्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
Noida सेक्टर-122 में बसंत शर्मा को भेजे गए 4.02 करोड़ रुपये के बिजली बिल की घटना ने विद्युत निगम की मीटर रीडिंग प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस प्रकार की घटनाओं से उपभोक्ताओं को भारी परेशानी होती है और निगम की जिम्मेदारी है कि वे इस प्रकार की गलतियों को सुधारें और भविष्य में इनसे बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
उम्मीद है कि विद्युत निगम इस मामले को जल्द ही सुलझाएगा और उपभोक्ताओं को सही और सटीक बिल प्रदान करेगा। इस घटना ने एक बार फिर से मीटर रीडिंग और बिलिंग प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और सटीकता की महत्वपूर्णता को रेखांकित किया है।
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