UP News: सीतापुर में स्कूली वाहनों की चेकिंग अभियान, बिना फिटनेस वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई

UP News: सीतापुर में परिवहन मंत्री के निर्देश पर एआरटीओ माला वाजपेई ने स्कूली वाहनों की चेकिंग अभियान चलाया। इस अभियान के तहत स्कूली वाहनों की फिटनेस की जांच की गई और जिन वाहनों की फिटनेस नहीं थी, उन्हें सड़कों पर दौड़ने और स्कूली बच्चों को ले जाने से रोक दिया गया।

एआरटीओ माला वाजपेई ने बड़ा डाकखाना रोड पर स्टडी बेल पब्लिक स्कूल की स्कूली बसों को रोक कर उनकी जांच की। चेकिंग के दौरान बसों के फायर सिस्टम को भी जांचा गया और ड्राइवर को बताया गया कि बसों में सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं संपूर्ण होनी चाहिए। स्टडी बेल पब्लिक स्कूल की बसों की चेकिंग के दौरान उनके कागजात सही पाए गए।

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UP News: एआरटीओ माला वाजपेई ने बताया कि जनपद में कुल 641 स्कूली वाहन रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 150 वाहनों की फिटनेस फेल है। ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के तहत स्कूली वाहनों की जांच की जा रही है। बिना फिटनेस के सड़क पर चलने वाले वाहनों को बंद किया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस अभियान को 8 जुलाई से 22 जुलाई तक चलाने का निर्णय लिया गया है। स्कूलों को एक सप्ताह का समय दिया गया है कि वे अपने वाहनों की फिटनेस पूरी करवा लें। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके वाहनों को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी और विद्यालय की मान्यता भी निरस्त कराई जा सकती है।

UP News: माला वाजपेई ने बताया, “हमारा मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। बिना फिटनेस वाले वाहनों को चलाना न केवल गैरकानूनी है बल्कि यह बच्चों की जान के लिए भी खतरा है। हम किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

इस अभियान के तहत एआरटीओ ने बताया कि सभी स्कूली वाहनों में फायर सिस्टम, मेडिकल किट और अन्य सुरक्षा उपकरण होने चाहिए। यदि कोई भी वाहन इन मानकों को पूरा नहीं करता है, तो उसे तुरंत बंद कर दिया जाएगा।

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UP News: स्थानीय निवासियों और अभिभावकों ने इस अभियान की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। एक अभिभावक ने कहा, “यह अभियान बेहद महत्वपूर्ण है। हमारे बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले है और हम चाहते हैं कि सभी स्कूली वाहन सुरक्षित हों।”

UP News: यह अभियान न केवल स्कूली वाहनों की फिटनेस जांचने का प्रयास है, बल्कि यह बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परिवहन विभाग का यह कदम निश्चित रूप से सभी स्कूली वाहन संचालकों को अपने वाहनों की नियमित फिटनेस जांचने के लिए प्रेरित करेगा।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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