एसपी सिंह बघेल, जो कभी मुलायम सिंह यादव के करीबी थे, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में दूसरी बार शामिल हुए हैं। आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक है।
शैक्षिक और प्रारंभिक जीवन: एसपी सिंह बघेल का जन्म 20 जून 1960 को उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश से ही प्राप्त की और उसके बाद कानपुर विश्वविद्यालय से विधि (लॉ) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। बघेल ने अपनी शिक्षा के दौरान ही सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों में रुचि लेना शुरू कर दिया था।
राजनीतिक करियर: एसपी सिंह बघेल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत समाजवादी पार्टी (एसपी) के बैनर तले की। मुलायम सिंह यादव के करीबी होने के नाते, उन्होंने पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और 1998 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि, कुछ समय बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। बीजेपी में शामिल होने के बाद, उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में सफलता प्राप्त की और आगरा से सांसद चुने गए।
मंत्रिपरिषद में भूमिका: पीएम मोदी के कैबिनेट में एसपी सिंह बघेल को दूसरी बार शामिल किया गया है। उन्हें विधि और न्याय राज्य मंत्री का प्रभार दिया गया है। उनके पास देश के न्यायिक और विधायी सुधारों को प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी है। बघेल ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण नीतियों और परियोजनाओं की शुरुआत की है, जो देश की न्यायिक प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक साबित हो रही हैं।
समाज सेवा: राजनीति के अलावा, एसपी सिंह बघेल समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कई कार्य किए हैं। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाएं और कार्यक्रमों ने हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में विकास को बढ़ावा देने के लिए काम किया है।
उपसंहार: एसपी सिंह बघेल का जीवन और करियर एक प्रेरणा स्रोत है। कभी मुलायम सिंह यादव के करीबी होने के बावजूद, उन्होंने बीजेपी में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। पीएम मोदी के कैबिनेट में दूसरी बार शामिल होकर, उन्होंने साबित कर दिया है कि समर्पण और मेहनत से सब कुछ संभव है। विधि और न्याय राज्य मंत्री के रूप में बघेल का कार्यकाल एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें वे अपने अनुभव और समर्पण से देश की न्यायिक प्रणाली में सुधार की दिशा में काम कर रहे हैं।