UP News: विभिन्न जिलों से शिक्षकों की भारी संख्या शिक्षा निदेशालय के परिसर में एकजुट होकर प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रही है। शिक्षकों ने अपने अधिकारों और भविष्य की सुरक्षा के लिए अनशन और आमरण शुरू कर दिया है।
धरना प्रदर्शन का कारण
शिक्षकों का मुख्य आरोप है कि प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती से उनकी नौकरी की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। शिक्षकों का कहना है कि यह नीति उन्हें नौकरी में अनिश्चितता का सामना करने पर मजबूर कर रही है और उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।
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अनशन और आमरण का महत्व
शिक्षकों ने शिक्षा निदेशालय के परिसर में अनशन और आमरण की शुरुआत कर दी है। उनका उद्देश्य सरकार को चेतावनी देना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपने प्रदर्शन को जारी रखेंगे। शिक्षकों का मानना है कि सीधी भर्ती से प्रधानाचार्यों की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा और शिक्षण गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है।
शिक्षकों की मांगें
शिक्षकों ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- प्रधानाचार्य की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करना।
- शिक्षकों को सुरक्षित और स्थायी नौकरियां प्रदान करना।
- प्रधानाचार्यों की भर्ती में शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
- सरकारी भर्ती नीतियों में शिक्षकों के हितों का ध्यान रखना।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने की कोशिश की। प्रशासन ने शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है और कहा है कि सरकार जल्द ही शिक्षकों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए प्रयासरत है