Ghaziabad के मोदीनगर इलाके के थाना भोजपुर क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना में तीन वर्षीय मासूम की कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद मौत हो गई। यह घटना 25 जून को हुई थी, जब मासूम को गांव के आवारा कुत्ते ने काट लिया था। घटना के बाद परिवार ने कई स्वास्थ्य सुविधाओं का सहारा लिया, लेकिन इसके बावजूद बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी।
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घटना का विवरण
मासूम के काटे जाने के बाद उसे तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया, जहां नियमित समय के अनुसार एंटीरेबीज वैक्सीन की डोज दी गई। इसके अलावा, परिवार ने बच्चे को निजी अस्पताल में भी ले जाकर थर्ड ग्रेड डॉग बाइट के संदर्भ में रेबीज और ईम्यूग्लोबिन सिरम की डोज दिलवायी। इसके बावजूद, बच्चे के शरीर में रेबीज के लक्षण विकसित होने लगे। डॉक्टरों ने इलाज के प्रयास किए, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
चिकित्सा सेवाओं की कमी
बच्चे को रेबीज के लक्षणों के साथ-साथ साफ छिपकली आदि दिखाई देने का भ्रम और मुंह से झाग आने की समस्याएं होने लगीं। इसके बाद, बच्चे को इलाज के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल, मेरठ और फिर सफदरजंग अस्पताल, चाचा नेहरू और एम्स जैसे प्रमुख अस्पतालों में भेजा गया। चिकित्सकों ने बच्चे की स्थिति को गंभीर मानते हुए इलाज को संभावित नहीं बताया, और अंततः बच्चे की घर लौटते समय मौत हो गई।
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सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इस दुखद घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है। लोगों का कहना है कि चिकित्सा सेवाओं में गंभीर खामियां हैं, और उन्हें इस मामले की गंभीरता से जांच करने की जरूरत है। मृतक बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया है कि सभी वैक्सीनेशन के बावजूद इलाज की कमी और चिकित्सा प्रबंधन की खामियों ने उनके बच्चे की जान को खतरे में डाला।
प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि वे इस मामले की गहराई से जांच करें और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए ठोस कदम उठाएं। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि जीवन-रक्षक टीकाकरण और चिकित्सा प्रबंधन की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासद घटनाओं को रोका जा सके।
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