UP विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, और इस सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है। नए नेता प्रतिपक्ष के साथ, यह सत्र कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस और चर्चाओं का केंद्र बनेगा। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सर्वदलीय बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष से जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा करने की अपील की है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि सत्र के सुचारू संचालन के लिए सभी दलीय नेताओं का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे सदन में अपना पक्ष शालीनता एवं संसदीय मर्यादा के अंतर्गत रखते हुए प्रेमपूर्ण वातावरण में बहस करें। उन्होंने विशेष जोर दिया कि सदस्यों को अपने मुद्दों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए और सकारात्मक चर्चा में भाग लेना चाहिए।
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विपक्षी दलों के नेताओं ने इस बैठक में प्रदेश में सूखा, बाढ़ की विभीषिका और अघोषित बिजली कटौती जैसे जनता से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि सत्ता पक्ष को विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए और उचित कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि विपक्ष सकारात्मक और रचनात्मक चर्चा में भाग लेगा और सरकार को भी उसी भावना के साथ काम करना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दलीय नेताओं को आश्वस्त किया कि सरकार सभी सदस्यों के प्रस्तावों को सकारात्मक रूप से लेगी और प्रदेश के विकास को नई गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर सकारात्मक कार्यवाही के लिए तत्पर है और सदन में बहस को प्रभावी बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
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इस अवसर पर कई प्रमुख दलीय नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की, जिनमें अपना दल (सोनेलाल) के राम निवास वर्मा, रालोद दल के नेता राजपाल बालियान, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर, निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल के अनिल कुमार त्रिपाठी, कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा मोना, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह शामिल थे। इन नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय दी और सरकार से उचित कार्यवाही की मांग की।
कार्य-मंत्रणा समिति की बैठक में मानसू सत्र के उपवेशनों में लिए जाने वाले कार्यों के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में सत्र के दौरान उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई और उन्हें प्राथमिकता देने के संबंध में निर्णय लिया गया। समिति ने सत्र के दौरान सुचारू संचालन और सदस्यों के प्रश्नों के त्वरित समाधान के लिए रणनीति तैयार की।
सर्वदलीय बैठक और कार्य-मंत्रणा समिति की बैठक के बाद, उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह मानसून सत्र राज्य के विकास और जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा और निर्णयों का साक्षी बनेगा। सरकार और विपक्ष के बीच स्वस्थ बहस से प्रदेश को नई दिशा और गति मिलेगी।
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