UP: बहराइच जिले के जोकालिया गांव में तेंदुए के हमले में एक 6 महीने के बच्चे की मौत हो गई है। यह घटना तब हुई जब तेंदुआ एक अस्थायी बिस्तर से बच्चे को खींचकर ले गया। इस हमले ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है।
तेंदुए के हमलों में वृद्धि
जुलाई से अब तक तेंदुए ने बहरेच के आसपास के गांवों में नौ लोगों की जान ले ली है, जिनमें से आठ बच्चे शामिल हैं। इन हमलों में तेजी ने स्थानीय निवासियों में भय का माहौल पैदा कर दिया है, खासकर बच्चों की सुरक्षा को लेकर।
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तेंदुए का हमला: बच्चे की दर्दनाक मौत
सोमवार को, तेंदुआ एक घर में घुस आया और 6 महीने के बच्चे पर हमला कर दिया। उसने बच्चे की गर्दन पर पंजे मारकर उसे खींच लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस हमले में दो महिलाएं भी घायल हो गईं। इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं और इलाके में डर का माहौल बना दिया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: ऑपरेशन भेड़िया
बढ़ते खतरे को देखते हुए, जिला प्रशासन ने “ऑपरेशन भेड़िया” नामक एक विशेष पहल शुरू की है। इस अभियान के तहत, वन अधिकारी तेंदुए को पकड़ने के लिए बच्चों के मूत्र से भरी डमी का उपयोग कर रहे हैं, जिन्हें खुले स्थानों पर रखा जा रहा है। डिवीज़नल फॉरेस्ट ऑफिसर अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि डमी को नदी के किनारे रखा जा रहा है, लेकिन तेंदुए के स्थान बदलते रहने के कारण उन्हें पकड़ना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।
हमलों का पैटर्न: अकेला तेंदुआ बना खतरा
विल्डलाइफ विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों का पैटर्न एक अकेले तेंदुए का संकेत देता है, न कि झुंड का। पीड़ितों पर सामूहिक रूप से खाने के कोई संकेत नहीं मिले हैं, जो यह दर्शाता है कि हमले एक ही तेंदुए द्वारा किए जा रहे हैं।
स्थिति गंभीर, सावधानी की जरूरत
सामुदायिक और प्राधिकृत अधिकारी इस खतरे से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। स्थिति गंभीर बनी हुई है, और निवासियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।