UP: लखनऊ, 17 जून: उत्तर प्रदेश ने इस बकरीद के मौके पर देशभर में एक बार फिर शांति और सौहार्द की मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर इस बार भी प्रदेश में कहीं भी यातायात बाधित कर सड़कों पर ईद-उल-अज़हा की नमाज़ नहीं अदा की गई। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सीएम के अपील का समर्थन किया, जिससे ईद की नमाज़ ईदगाह अथवा अन्य तयशुदा पारंपरिक स्थानों पर ही हुई।
नमाज की व्यवस्था और सुरक्षा:
प्रदेशभर में 30 हजार से अधिक स्थानों पर बकरीद की नमाज अदा की गई। संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। तकरीबन 3 हजार स्थानों को चिह्नित कर विशेष सुरक्षा उपाय किए गए, जिनमें ड्रोन के जरिए आसमान से निगरानी की गई। एक दिन पहले ही पुलिसबल ने फ्लैगमार्च कर लोगों में सुरक्षा का भरोसा जगाया था।
सीएम योगी के निर्देश:
बकरीद को लेकर सीएम योगी ने प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों और प्रदेश स्तर के वरिष्ठ अफसरों को निर्देशित किया था कि वे अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं और समाज के प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाए रखें। उन्होंने कहा था कि पीस कमेटी की बैठक करते हुए मीडिया का भी सहयोग लिया जाए, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे। इसके अलावा बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही कर लिया जाए और प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री के प्रयास का असर:
- रंग लाई सीएम योगी की अपील, मुस्लिम धर्मगुरु भी आए आगे
- प्रदेशभर के मुस्लिमों ने ईदगाहों में पढ़ी ईद-उल-अज़हा की नमाज
- 30 हजार से अधिक स्थानों पर पढ़ी गई बकरीद की नमाज
- तकरीबन 3 हजार संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा रही तगड़ी
- चिह्नित स्थानों पर ही दी गईं कुर्बानियां
- संवेदनशील इलाकों में आसमान से ड्रोन से हुई निगरानी
- एक दिन पहले ही पुलिसबल ने फ्लैगमार्च कर के जगाया था सुरक्षा का भरोसा
सीएम योगी के निर्देश और प्रयासों का प्रदेश में सकारात्मक असर दिखा और कहीं भी सड़क पर नमाज़ नहीं हुई। इस वर्ष प्रदेश में 30 हजार से अधिक स्थानों पर नमाज अदा की गई, जिसमें से तीन हजार स्थानों को चिह्नित कर विशेष सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। पहले हर शहर में लाखों लोग सड़कों पर नमाज पढ़ते थे, जिससे यातायात की समस्या उत्पन्न होती थी।
समाज में सकारात्मक प्रभाव:
सीएम योगी आदित्यनाथ के आह्वान का प्रतिफल है कि प्रदेश के हर जिले में शांतिपूर्ण ढंग से मस्जिदों और ईदगाहों में ही नमाज़ पढ़ी गई। रविवार को गंगा दशहरा, सोमवार को ईद-उल-अज़हा और मंगलवार को ज्येष्ठ माह का बड़ा मंगल होने से प्रदेश पुलिस महकमा विशेष तौर पर अलर्ट मोड में दिखा। तमाम लोगों द्वारा जताई जा रही विवाद की आशंका भी निर्मूल साबित हुई।
शांति और सौहार्द की नई परंपरा:
सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था को शीर्ष प्राथमिकता पर रखने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ की कोशिशें रंग लाने लगी हैं। शांति और सौहार्द के साथ धार्मिक आयोजन होना यूपी में एक परंपरा बनती जा रही है। योगी राज में कानून व्यवस्था ने अन्य राज्यों के सामने नजीर पेश की है। बीते सात साल से प्रदेश में एक भी दंगा न होना और सभी बड़े पर्व और आयोजन सकुशल संपन्न होने से प्रदेश की छवि कर्फ्यू मुक्त प्रदेश के रूप में बनी है।
उत्तर प्रदेश ने शांति और सौहार्द से धार्मिक आयोजन करने में एक नई मिसाल पेश की है। सीएम योगी आदित्यनाथ की दिशा-निर्देश और प्रदेश प्रशासन की तत्परता ने सुनिश्चित किया कि ईद-उल-अज़हा के मौके पर कोई अप्रिय घटना न हो और हर समुदाय के लोग शांति और भाईचारे के साथ त्योहार मना सकें।