UP देश का सबसे बड़ा आबादी वाला राज्य है और यहीं देश के सबसे अधिक युवा भी निवास करते हैं। इस विशाल युवा वर्ग के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है। निजी क्षेत्र के बिना यह चुनौती पूरी तरह से हल नहीं हो सकती। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, फरवरी 2018 में उत्तरप्रदेश ने पहला इन्वेस्टर समिट आयोजित किया, जिसका उद्देश्य राज्य में रोजगार और निवेश के नए रास्ते खोलना था।
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निवेश के मामले में सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा होता है। निवेशकों को राज्य में निवेश करने के लिए आश्वस्त करना जरूरी है कि उनके निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इसी दिशा में उठाए गए कदमों के फलस्वरूप, उत्तरप्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। आज की जरूरत के अनुसार, स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से मुफ्त होना चाहिए, और इस दिशा में सरकार ने कई प्रयास किए हैं।

UP: आयुष्मान भारत योजना के तहत, उत्तरप्रदेश के निवासी 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना राज्य में गरीब और निम्न आय वाले वर्ग के लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में मददगार साबित हो रही है। इसके अलावा, एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए, निजी क्षेत्र को भी आगे आना चाहिए और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश करना चाहिए।
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UP: अब तक मुख्यमंत्री कोष से 1 लाख 88 हजार लोगों को स्वास्थ्य हेतु धनराशि दी जा चुकी है। यह रकम स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने और लोगों को बेहतर इलाज प्रदान करने के लिए उपयोग की जा रही है। जो लोग इन्वेस्टमेंट के MoU पर संदेह करते हैं, उन्हें हेल्थ सिटी के विस्तार को देखना चाहिए। यह हेल्थ सिटी इन्वेस्टमेंट का स्पष्ट परिणाम है और इस पर किए गए निवेश की सफलता को दर्शाता है।
हेल्थ सिटी का विस्तार यह दिखाता है कि इन्वेस्टर समिट का प्रतिफल सकारात्मक रहा है और यह राज्य के विकास के लिए निवेशकों के साथ किए गए समझौतों का एक ठोस प्रमाण है। उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों और निवेश के परिणामस्वरूप, राज्य में स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहे हैं।
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