UP: सिंचाई विभाग ने दावा किया है कि गंगनहर बंद होने के बावजूद हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं को गंगा जल की कमी नहीं होगी। 11 अक्टूबर की रात से गंगनहर को बंद किया जाएगा, जो 31 अक्टूबर तक बंद रहेगी। इस दौरान विभाग ने एक विशेष योजना बनाई है ताकि श्रद्धालुओं को स्नान के लिए पानी की उपलब्धता बनी रहे।
गंगनहर बंदी का कारण
हर साल दशहरा पर्व के दौरान उत्तरी खंड गंगनहर का मरम्मतीकरण किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान हरकी पैड़ी पर गंगा जल की कमी हो जाती है, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान करने में कठिनाई होती है। पिछले वर्षों में, इस बंदी के कारण श्रद्धालुओं को आचमन के लिए भी पानी नहीं मिल पाता था, जिससे कई लोग निराश होकर लौट जाते थे।
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इस बार की विशेष योजना
UP: इस बार सिंचाई विभाग ने हरकी पैड़ी पर पानी लाने के लिए बंध बनाने का निर्णय लिया है। विभाग का कहना है कि अविरल गंगा के भगीरथी बिंदु और कांगड़ा पुल पर बंध बनाकर गंगाजल को हरकी पैड़ी की ओर मोड़ा जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को स्नान के लिए गंगाजल की सुविधा उपलब्ध होगी।
व्यापारियों का विरोध
हालांकि, धर्मनगरी हरिद्वार के व्यापारी गंगनहर बंदी का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि त्योहारी सीजन में गंगनहर को बंद करना व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। व्यापारी मांग कर रहे हैं कि गंगनहर बंदी का समय बदला जाए ताकि श्रद्धालुओं की संख्या में कमी न आए।
निष्कर्ष
UP: इस बार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की योजना के तहत हरकी पैड़ी पर गंगा जल की कमी नहीं होने की उम्मीद जताई जा रही है। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह पहली बार होगा जब श्रद्धालुओं को गंगनहर बंदी के बावजूद स्नान के लिए जल उपलब्ध कराया जाएगा।