UP: सीतापुर में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) घोटाला सामने आया है। डीएम अभिषेक आनंद ने इस घोटाले पर कड़ा एक्शन लेते हुए चार प्रधानों सहित आठ सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कराया है। यह घोटाला महमूदाबाद विकासखंड की चार ग्राम पंचायतों में हुआ है, जहां सामग्री अंश की धनराशि निकालने के बावजूद कोई कार्य नहीं किया गया।
घोटाले का विवरण
UP: महमूदाबाद विकासखंड की चार ग्राम पंचायतों में सामग्री अंश की धनराशि निकालने के बावजूद कोई कार्य नहीं कराए गए। इस घोटाले की जानकारी मिलने पर तीन सदस्यीय समिति ने जांच की, जिसमें मनरेगा धनराशि के दुरुपयोग का मामला सामने आया। यह घोटाला लगभग 72 लाख रुपए का है।
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आरोपियों पर कार्रवाई
डीएम अभिषेक आनंद ने सावरर लाल, सर्वेश कुमार, पूनम और कामिनी देवी नामक चार ग्राम प्रधानों पर केस दर्ज कराया है। इसके अलावा, आठ सरकारी कर्मचारियों में सचिव प्रदीप कुमार, मनोज कुमार यादव, तकनीकी सहायक वीरेंद्र कुमार वर्मा और चार ग्राम रोजगार सेवकों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
UP: सीडीओ निधि बंसल की प्रतिक्रिया
सीडीओ निधि बंसल ने बताया कि यह घोटाला मार्च महीने में सामने आया था। जिला स्तरीय अधिकारियों ने अप्रैल माह में इसकी जांच की, जिसमें काफी अनियमितताएं पाई गईं। जांच रिपोर्ट के आधार पर चार ग्राम रोजगार सेवक, चार प्रधान, तीन पंचायत सचिव और एक तकनीकी सहायक के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
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प्रशासनिक कार्रवाई और सवाल
इस घोटाले के उजागर होने के बाद सीतापुर में हड़कंप मच गया है। सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन इन घोटालेबाजों से गबन की गई धनराशि को रिकवर करा पाएगा। साथ ही, आरोपियों की गिरफ्तारी कब होगी, यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है।
UP: निष्कर्ष
यूपी के सीतापुर में मनरेगा घोटाले का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। चार प्रधान और आठ सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस मामले में और क्या कदम उठाता है और गबन की गई धनराशि को कैसे रिकवर करता है।
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