Uttar Pradesh में विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल (RLD) को बड़ा झटका लगा है। यह झटका सिर्फ उपचुनाव के लिए ही नहीं बल्कि पार्टी की भविष्य की योजनाओं पर भी असर डाल सकता है। जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली RLD का प्लान था कि वह महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए, लेकिन हालिया घटनाओं से पार्टी की रणनीति प्रभावित हो सकती है।
Uttar Pradesh: जम्मू-कश्मीर चुनाव में मिली हार
RLD ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। पार्टी ने घाटी की 6 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उन्हें उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई। पार्टी के प्रत्याशियों ने पट्टन, लैंगेट, सोनावारी, बांदीपोरा, बारामुला और रफियाबाद सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन सभी सीटों पर उनका प्रदर्शन कमजोर रहा।
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किसी भी सीट पर नहीं मिली जीत
पट्टन सीट पर RLD के मोहम्मद मुस्तफा लोन 644 वोटों के साथ 5वें स्थान पर रहे। लैंगेट में इरफान बाशिर मलिक को 300 वोट मिले और वह 14वें स्थान पर रहे। इसी तरह सोनावारी सीट पर सैयद तजामुल अली 377 वोट पाकर 13वें स्थान पर रहे। रफियाबाद सीट पर मोहम्मद अकबर भट 549 वोटों के साथ 9वें स्थान पर रहे, जबकि बारामुला सीट पर मुश्ताक अहमद लोन को सिर्फ 352 वोट मिले और वह 21वें स्थान पर रहे।
निकाय चुनाव में उतरेगी RLD
हालांकि, RLD के नेताओं के हौसले अभी भी बुलंद हैं। पार्टी के राज्य प्रभारी विनय प्रधान ने कहा कि पार्टी जम्मू-कश्मीर में होने वाले निकाय चुनावों में पूरी ताकत के साथ उतरेगी। उन्होंने कहा कि हालिया हार की समीक्षा की जाएगी और आगे बेहतर रणनीति के साथ चुनाव लड़ा जाएगा। RLD को उम्मीद है कि आगामी चुनावों में उन्हें जनता का समर्थन मिलेगा।