Uttarkashi में सूख रहे प्राकृतिक जल स्रोतों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में गहराया पानी का संकट

Uttarkashi में सूख रहे प्राकृतिक जल स्रोतों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में गहराया पानी का संकट जनपद के चिन्यालीसौड़, मोरी, पुरोला, बड़कोट, और डुंडा ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों पानी की किल्लत ने विकराल रूप ले लिया है। ग्रामीणों को पेयजल के लिए कई किलोमीटर दूर चलना पड़ रहा है और घण्टों लाइन लगाकर पानी लाना पड़ रहा है। यह स्थिति विशेषकर चिन्यालीसौड़ तहसील के न्यू खालसी गांव में गंभीर है, जहां महिलाएं रात भर जागकर पानी भरने का इंतजार करती हैं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि पानी के स्रोत पर महिलाओं की भीड़ किस प्रकार संघर्ष कर रही है, लेकिन फिर भी ग्रामीणों को पर्याप्त पेयजल नहीं मिल पा रहा है।

पेयजल निगम के अधिकारियों का कहना है कि जनपद में जल जीवन मिशन के तहत 45 पेयजल योजनाएं अभी वन विभाग के कारण अधर में लटकी हुई हैं। अधिशासी अभियंता का कहना है कि बारिश की कमी और जंगलों में लगी भीषण आग के कारण जल स्रोत सूख रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है। जिन क्षेत्रों में पानी की अत्यधिक समस्या है, वहां टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है।

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शहरी क्षेत्र में, खासकर बड़कोट में, पानी का भीषण संकट गहराया हुआ है। स्थानीय ग्रामीण खालसी गांव की स्थिति और भी दयनीय है। ग्रामीणों का कहना है कि वे पेयजल की किल्लत से त्रस्त हो चुके हैं और सरकार से जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।

अधिशासी अभियंता, जल निगम, उत्तरकाशी “हमारी टीम निरंतर प्रयास कर रही है कि जल संकट को कम किया जा सके। पेयजल योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।”

स्थानीय ग्रामीण, खालसी गांव, उत्तरकाशी “हमारे गांव में पानी की स्थिति बहुत ही खराब है। महिलाएं रात भर जागकर पानी भरने के लिए संघर्ष कर रही हैं। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए।”

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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