Varanasi में स्थित मंदिरों में स्थापित साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अब तक 14 मंदिरों से साईं की मूर्तियां हटा दी गई हैं, जिसमें प्रसिद्ध बड़ा गणेश मंदिर भी शामिल है। यह कार्रवाई सनातन रक्षक सेना के अजय शर्मा के नेतृत्व में की जा रही है।
Varanasi: विवाद की शुरुआत
जानकारी के अनुसार, हिंदू संगठनों का आरोप है कि साईं बाबा मुस्लिम हैं और उनका सनातन धर्म से कोई रिश्ता नहीं है। इसलिए इनकी प्रतिमाओं को मंदिरों से हटाया जा रहा है। संगठनों ने स्पष्ट किया है कि वे साईं की पूजा का विरोध नहीं करते, लेकिन मंदिरों में उनकी मूर्तियां स्थापित नहीं होने देंगे।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
दीपक यादव ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, “जैसा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि साईं बाबा को चांद बाबा बुलाया जाए। इसी क्रम में रविवार को वार्ता के बाद साईं प्रतिमाओं को मंदिरों से हटाया गया।” उन्होंने कहा कि प्रतिमा स्थापित होने के समय ही इसका विरोध होना चाहिए था, न कि बाद में।
साईं बाबा की पूजा का सम्मान
दीपक ने कहा कि अगर किसी को साईं बाबा की पूजा करनी है, तो वे मंदिर बनाकर स्थापित कर सकते हैं। इससे किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म सभी को मानने वाला है, और लोग शिरडी भी जाते हैं, यह कोई गलत बात नहीं है।
प्रशासन की भूमिका
एक और व्यक्ति ने बताया कि जब साईं की प्रतिमा हटाई गई, तब प्रशासन का कोई प्रतिनिधि मौके पर नहीं था। इस अभियान को शंकराचार्य के निर्देश पर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साईं बाबा के लिए अनादर नहीं है, लेकिन उनकी मूर्तियों का एक अलग स्थान होना चाहिए।
आगे की कार्रवाई
अजय शर्मा ने कहा कि अब तक 14 मंदिरों से साईं की मूर्तियां हटाई जा चुकी हैं और आगे भी कई मंदिरों से मूर्तियां हटाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि 2013 में बड़ा गणेश मंदिर परिसर में साईं की मूर्ति स्थापित की गई थी। पिछले 6 वर्षों से उन्होंने साईं की परिक्रमा करना बंद कर दिया है।