Varanasi में गंगा का जलस्तर पिछले चार दिनों से लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं। बुधवार को जलस्तर की वृद्धि की गति सात सेंटीमीटर प्रति घंटे तक पहुँच गई है। इस वृद्धि के कारण सभी घाट पानी में डूब चुके हैं, और दशाश्वमेध घाट पर स्थित आरती स्थल भी पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। इसके चलते अब आरती गंगा सेवा निधि के छत पर आयोजित की जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं की सुविधा बनी रहे।
Varanasi: मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर भी स्थिति गंभीर है, जहाँ शवदाह स्थल बदलने पड़े हैं। मणिकर्णिका घाट पर चिताएं अब छत पर जलाई जा रही हैं, ताकि जलस्तर की वृद्धि के कारण शवदाह की प्रक्रिया प्रभावित न हो। गंगा तट पर स्थित कई मंदिरों में भी पानी घुस चुका है और कुछ मंदिर पूरी तरह से डूब गए हैं। इन परिस्थितियों ने पंडे-पुरोहितों की समस्याओं को भी बढ़ा दिया है, जो अब अपने दैनिक कार्यों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
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Varanasi: प्रशासन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अलर्ट जारी किया है। जलपुलिस, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और घाटों पर जाने वाले लोगों को आगाह किया जा रहा है। बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर, प्रशासन ने नौकाओं और क्रूज के संचालन पर भी रोक लगा दी है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

Varanasi: बुधवार की सुबह गंगा का जलस्तर 68.02 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो चेतावनी बिंदु से मात्र दो मीटर नीचे है। यदि जलस्तर में वृद्धि की यही रफ्तार रही, तो कुछ घंटों में ही पानी चेतावनी बिंदु को छू सकता है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से तटवर्ती इलाकों में भी समस्याएं बढ़ गई हैं।
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Varanasi में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है। प्रशासन और राहत दल स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्परता से काम कर रहे हैं ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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