Almora: साल-दर-साल बढ़ती गर्मी और पेयजल की किल्लत से परेशान प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर क्षेत्र के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में पौधारोपण कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वन विभाग द्वारा हरेला पर्व के अवसर पर चलाए गए पौधारोपण कार्यक्रम में जागेश्वर और कोटेश्वर क्षेत्र के पुजारी, मंदिर समिति के लोग और स्थानीय महिलाएं शामिल हुईं। उन्होंने जंगल में उतीस, देवदार, बांज, बुरांस सहित चौड़ी पत्ती के पौधों का रोपण किया।
पौधारोपण कार्यक्रम:
हरेला पर्व के अवसर पर वन विभाग ने जागेश्वर और कोटेश्वर क्षेत्र में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने जंगल में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए, जिनमें उतीस, देवदार, बांज, बुरांस और अन्य चौड़ी पत्ती के पौधे शामिल थे। पौधारोपण का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में बढ़ती गर्मी और पानी की किल्लत को कम करना है।
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Almora: स्थानीय समुदाय का प्रयास:
जागेश्वर और कोटेश्वर के स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस साल गर्मी में जागेश्वर में तापमान बढ़ने का असर साफ दिखाई दिया। साथ ही पानी की किल्लत भी बनी रही। ग्रामीणों का मानना है कि पौधारोपण से प्राकृतिक जल स्रोत रिचार्ज होंगे, जिससे पानी की किल्लत दूर होगी और गर्मी के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जंगल में पौधे लगाने से पर्यावरण को संतुलित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलेगी।
Almora: वन विभाग का सहयोग:
वन विभाग ने इस पहल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने न केवल पौधे उपलब्ध कराए बल्कि पौधारोपण कार्यक्रम के आयोजन में भी सहायता की। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वे भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करेंगे ताकि क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों के संरक्षण को बढ़ावा मिल सके।
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निष्कर्ष:
Almora: जागेश्वर और कोटेश्वर क्षेत्र में बढ़ती गर्मी और पेयजल की किल्लत को दूर करने के लिए स्थानीय समुदाय का पौधारोपण का यह प्रयास सराहनीय है। इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा। वन विभाग और स्थानीय लोगों के इस संयुक्त प्रयास से क्षेत्र में हरियाली और जल स्रोतों की बहाली की उम्मीद की जा रही है।
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