Almora में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शौर्य दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस आयोजन के दौरान कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। शौर्य दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में शहीदों के परिजनों का सम्मान भी किया गया, और उनकी शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:
शौर्य दिवस के इस कार्यक्रम में अल्मोड़ा जिले के चार वीर सपूतों को याद किया गया, जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान शहादत दी थी। इन चार शहीदों में हवलदार तम बहादुर क्षेत्री, नायक हरी बहादुर घले, लांसनायक हरीश सिंह देवड़ी और आदित्य मिश्रा शामिल थे। इन वीर जवानों की शहादत को सम्मानित करते हुए उनके बलिदान को याद किया गया और उनकी बहादुरी की गाथा को श्रृद्धांजलि दी गई।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
शहीदों के परिजनों का सम्मान:
इस अवसर पर शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया। शहीदों के परिवारों ने अग्निवीर जवानों को सैनिकों की तरह सभी सुविधाएं देने की बात की। कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख व्यक्तियों ने शहीदों के परिजनों के प्रति सम्मान व्यक्त किया और उनकी मांगों को गंभीरता से सुनने का आश्वासन दिया।
शौर्य और बलिदान की गाथा:
कारगिल विजय दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम ने शहीदों के बलिदान को एक बार फिर से जीवंत किया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनसमूह ने शहीदों की बहादुरी की गाथा सुनी और उनके परिजनों को समर्थन देने की कसम खाई। इस मौके पर प्रमुख लोगों ने शहीदों की शहादत की सराहना की और उनके परिवारों के साथ एकजुटता का संदेश दिया।
यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें
प्रशासन की भूमिका:
कार्यक्रम के दौरान, जिला प्रशासन और सेना के अधिकारियों ने शहीदों की शहादत को सराहा और शहीदों के परिवारों को आवश्यक समर्थन प्रदान करने की प्रतिज्ञा की। प्रशासन ने इस आयोजन के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सभी कर्मचारियों और आयोजकों की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देने का आश्वासन दिया।
सारांश:
अल्मोड़ा में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शौर्य दिवस बड़े श्रद्धा भाव से मनाया गया। इस अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके परिजनों का सम्मान किया गया। शहीदों के बलिदान को याद करते हुए उनके परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की गई और उनकी मांगों को सुनने का आश्वासन दिया गया। यह कार्यक्रम शहीदों की शहादत को अमर मानते हुए उन्हें उचित सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
और पढ़ें