Badrinath Dham: मंगलवार को चमोली के बद्रीनाथ धाम के गांधी घाट पर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें मलेशिया से अपने परिवार के साथ भारत आए डॉक्टर बलराज सेठी और उनके पिता सुरेश चंद्र दोनों नदी में बह गए।
हादसे का विवरण
डॉक्टर बलराज सेठी अपने पिता सुरेश चंद्र के साथ अलकनंदा नदी के पास गांधी घाट पर खड़े थे। अचानक सुरेश चंद्र का पांव फिसल गया और वह नदी में बहने लगे। डॉक्टर बलराज ने अपने पिता को बचाने की कोशिश की, लेकिन तेज बहाव के कारण वे दोनों नदी में लिप्त हो गए।
वीडियो में हादसे की झलक
इस हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें डॉक्टर बलराज अपने पिता को बचाने की चेष्टा करते दिख रहे हैं। हालांकि, नदी की तेज धारा ने उन्हें अपनी ओर खींच लिया।
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बचाव कार्य और वर्तमान स्थिति
Badrinath Dham: एसडीआरएफ और अन्य बलों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सुरेश चंद्र को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन डॉक्टर बलराज का अभी भी पता नहीं चल पाया है और उनकी तलाश जारी है।
हादसे के संभावित कारण
Badrinath Dham: तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय जनता का मानना है कि गाबर कंपनी द्वारा अलकनंदा नदी के किनारे की गई निर्माण गतिविधियों ने नदी के जल स्तर को बढ़ा दिया है। प्रोजेक्ट मैनेजर रविंदर सोड़ी के तहत मशीनों से नदी में मिट्टी, पत्थर और कंक्रीट डाले जाने से घाटों पर फिसलन बढ़ गई है, जिससे यह हादसा हुआ।
गाबर कंपनी का बयान
गाबर कंपनी के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर ने इस हादसे पर अपनी तरफ से स्पष्ट किया है कि कंपनी द्वारा अलकनंदा नदी में कोई भी अपशिष्ट नहीं डाला गया है। उन्होंने बताया कि सभी कार्य अधिशासी अभियंता विपुल सैनी के निर्देशानुसार किए जा रहे हैं और कंपनी ने पर्यावरण के प्रति पूर्ण जिम्मेदारी निभाई है।