Uttarakhand: के बागेश्वर जिले के दफौट क्षेत्र में खड़िया खनन को लेकर ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया है। भिड़ी गांव के निवासियों ने जिला मुख्यालय में कलक्ट्रेट के सामने जोरदार प्रदर्शन करते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खनन से उनके खेतों, जलस्रोतों और पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से खनन पट्टा रद्द करने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है।
Uttarakhand: के बागेश्वर जिले के दफौट क्षेत्र में खड़िया खनन को लेकर विवाद अब और गहरा गया है। भिड़ी गांव के ग्रामीणों का गुस्सा इस मुद्दे पर इस कदर बढ़ गया कि वे एक बार फिर जिला मुख्यालय की ओर कूच करने को मजबूर हो गए। कलक्ट्रेट के सामने इकट्ठा होकर ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
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ग्रामीणों का आरोप है कि जब प्रशासनिक जांच टीम उनके गांव पहुंची, तो उसने खड़िया पट्टाधारक के पक्ष में काम किया और किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया। जांच टीम ने ग्रामीणों पर दबाव बनाया कि वे अवैध ट्रॉली लगाने की अनुमति दें, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। इसी आक्रोश को लेकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और अपनी समस्याओं को सामने रखा।
ग्रामीणों का कहना है कि खड़िया खनन से उनके खेतों को गंभीर नुकसान हो रहा है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट गहरा गया है। इसके अलावा, खनन कार्य से जलस्रोतों पर भी असर पड़ रहा है, जिससे गांव में पानी की समस्या बढ़ सकती है। ग्रामीणों ने इस बात पर भी चिंता जताई कि खनन के कारण गांव के पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे भविष्य में और भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
इस विवाद के चलते ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि खड़िया खनन के पट्टे को तत्काल रद्द किया जाए और गांव के पर्यावरण और आजीविका की रक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं। अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो ग्रामीणों ने आंदोलन को और भी तीव्र करने की चेतावनी दी है।
इस बीच, प्रशासन के लिए यह विवाद एक गंभीर चुनौती बन गया है। ग्रामीणों का विरोध और उनकी मांगें प्रशासन के लिए एक कड़ी परीक्षा हैं, और अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, भिड़ी गांव के निवासी अपने हक के लिए संघर्षरत हैं और वे इस मुद्दे को लेकर किसी भी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं हैं।