Uttarakhand News: बनबसा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण पलिया तहसील का मुख्यालय बाढ़ग्रस्त हो गया है। इस बाढ़ की वजह से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक किशोरी को समय पर बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। इससे भी दुखद स्थिति यह है कि उसके दो भाई, सरोज और मनोज, अपनी बहन के शव को नाव और कंधे के सहारे पांच किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव ले गए।
मामला पलिया तहसील का
मृतक शिवानी एलनगंज महाराज नगर थाना मैलानी की निवासी थी और कक्षा 12 की छात्रा थी। वह अपने भाइयों के साथ पलिया में रहकर पढ़ाई करती थी। शिवानी की तबीयत दो दिन पहले अचानक खराब हो गई और स्थानीय डॉक्टरों ने उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया था। लेकिन, बनबसा बैराज से पानी छोड़े जाने और भारी बरसात के चलते पलिया शहर टापू में तब्दील हो गया। चारों तरफ के रास्ते शारदा नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण बंद हो गए थे, जिससे सड़क और रेलवे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया था।
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Uttarakhand News: परिवार की दुश्वारियां
परिजनों का कहना है कि वे शिवानी को बेहतर इलाज नहीं दिला पाए, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इसके बाद भी उनकी मुसीबतें खत्म नहीं हुईं। भाइयों ने बताया कि जब उन्हें अपनी बहन के शव को गांव ले जाना था, तब किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। प्रशासन की तरफ से भी कोई सहायता नहीं मिली। इसके बाद, उन्होंने नाव और कंधे के सहारे शव को पांच किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव ले जाने का निर्णय लिया।
प्रशासन की नाकामी
इस घटना ने प्रशासन की व्यवस्था और उनके दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन का दावा था कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं, लेकिन यह घटना उनके दावों की पोल खोलती है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में फंसे लोगों को न तो समय पर इलाज मिल पा रहा है और न ही आवश्यक सहायता।
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Uttarakhand News: समाप्ति
बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी के कारण उत्पन्न बाढ़ ने पलिया तहसील के लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। इस घटना ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब समय है कि प्रशासन वास्तविक रूप से लोगों की समस्याओं का समाधान करे और इस प्रकार की दुखद घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
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