Uttarkashi: जनपद के बड़कोट नगर पालिका में पानी की गंभीर समस्या को लेकर नगरवासी भूख हड़ताल और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। नगरवासियों ने ‘बड़कोट को पानी दो’ के नारे लगाते हुए महामहिम राष्ट्रपति के नाम 250 से अधिक पोस्टकार्ड पत्र लिखकर भेजे हैं। इस आंदोलन को यमुनोत्री प्रेस क्लब, उत्तराखंड निर्माण राज्य आंदोलनकारियों सहित नगर के दर्जनों महिलाओं और नगरवासियों का समर्थन मिल रहा है।
धरने का नेतृत्व कर रहे महंत केशवगिरी महाराज 6 जुलाई से भूख हड़ताल पर बैठे हैं, जबकि नगरवासी 6 जून से क्रमिक धरना दे रहे हैं। नगरवासियों ने नगरीय पेयजल पम्पिंग योजना की वित्तीय स्वीकृति की मांग की है, जिससे पानी की समस्या का समाधान हो सके। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक उनका अनिश्चितकालीन धरना और भूख हड़ताल जारी रहेगा।
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Uttarkashi: धरना स्थल पर पहुंचे आंदोलनकारियों और समर्थन देने वालों ने कहा कि पानी की समस्या अब असहनीय हो गई है। नगरवासियों का कहना है कि वे पिछले कई महीनों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं और उनकी इस समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है।
धरना स्थल पर उपस्थित एक नगरवासी ने कहा, “हमारे पास पीने के पानी की कमी है और यह समस्या अब और अधिक बढ़ गई है। हम अपनी मांगों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सरकार को हमारी समस्या पर ध्यान देना चाहिए और तत्काल समाधान करना चाहिए।”
Uttarkashi: महंत केशवगिरी महाराज ने कहा, “हमने कई बार प्रशासन और सरकार से अपनी समस्याओं को लेकर अपील की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब हमें भूख हड़ताल और धरने का सहारा लेना पड़ा है। हमारी मांगें पूरी होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।”
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महिलाओं ने भी इस धरने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है और अपनी आवाज बुलंद की है। एक महिला आंदोलनकारी ने कहा, “हमारे बच्चों के पास पीने के लिए साफ पानी नहीं है। हम इस समस्या से तंग आ चुके हैं और हमें उम्मीद है कि हमारी यह लड़ाई सफल होगी।”
Uttarkashi: नगरवासियों की मांग है कि सरकार नगरीय पेयजल पम्पिंग योजना की वित्तीय स्वीकृति जल्द से जल्द दे ताकि उनकी पानी की समस्या का समाधान हो सके। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो वे और भी बड़े आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
यह धरना और भूख हड़ताल बड़कोट नगर में पानी की गंभीर समस्या को लेकर नगरवासियों की हताशा और उनके संकल्प को दर्शाता है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर कब और कैसे कार्रवाई करती है।
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