Dehradun के पछवादून क्षेत्र में नशे का बढ़ता कहर, युवाओं में नशे की लत और बढ़ते अपराध

Dehradun की तीन प्रमुख विधानसभा सहसपुर, विकासनगर और चकराता के क्षेत्र को पछवादून कहा जाता है। यह क्षेत्र एजुकेशन हब के रूप में मशहूर है, लेकिन इन दिनों यहाँ के युवा नशे की गहरी चपेट में फंस चुके हैं। स्कूल और कॉलेज के छात्र भी इस लत का शिकार हो रहे हैं।

नशे के कारण बढ़ते अपराध

नशे की पूर्ति के लिए युवा चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जिससे क्षेत्र में चोरी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। पूर्व उपाध्यक्ष गढ़वाल मंडल विकास निगम, रघुनाथ सिंह नेगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटे इस क्षेत्र में नशे की स्थिति बेहद चिंताजनक है।

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Dehradun: आंकड़ों पर नजर

2023 में 103 एनडीपीएस (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) के मामलों में 109 अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त में आए, जिनमें 13 महिलाएं भी शामिल थीं। इन अभियुक्तों से 16 किलोग्राम चरस और 2 किलोग्राम से अधिक स्मैक बरामद हुई। इसके अलावा, भारी मात्रा में नशीले इंजेक्शन, गोलियां, गांजा और डोडा पोस्त भी बरामद किए गए।

Dehradun: अवैध शराब के मामलों में भी 72 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। 2024 में अब तक 31 एनडीपीएस के मामले प्रकाश में आए हैं, जिनमें 34 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। इस साल 54 अवैध शराब के मामलों में भी 54 अभियुक्त जेल भेजे जा चुके हैं।

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पुलिस की कार्रवाई और जागरूकता कार्यक्रम

विकासनगर के सीओ, भास्कर लाल शाह ने बताया कि नशे के बड़े अपराधी सलाखों के पीछे जा चुके हैं, जिससे नशे के मामलों में कमी आई है। पुलिस हफ्ते में एक बार नशे के दुष्प्रभाव से लोगों को जागरूक करने के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चला रही है। पंचायत की समितियां भी नशा करने वालों का बहिष्कार कर रही हैं, जो नशे को काबू करने में कारगर साबित हो रहा है।

विधायक मुन्ना सिंह चौहान की प्रतिक्रिया

विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने भी पुलिस के आला अधिकारियों को इन मामलों को सख्ती से निपटाने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेशों के लोगों की भूमिका भी इन मामलों में सामने आ रही है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

Dehradun: चिंताजनक स्थिति

पछवादून की शांत वादियां कैसे इतनी जल्द एजुकेशन हब की जगह नशे के बड़े हब में तब्दील हो गईं, यह सोचने वाली बात है। नशे के हालात को देखते हुए कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लाजमी हैं।

Dehradun: समाप्ति

देहरादून के पछवादून क्षेत्र में नशे का बढ़ता कहर और युवाओं में नशे की लत ने समाज को गहरे संकट में डाल दिया है। पुलिस की तत्परता और जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद नशे के मामले बढ़ रहे हैं। समाज और प्रशासन को मिलकर इस गंभीर समस्या का समाधान खोजना होगा, ताकि भविष्य में हमारी युवा पीढ़ी इस घातक लत से बच सके।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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