उत्तरकाशी के सहस्त्र ताल में ट्रैकिंग के दौरान खराब मौसम में फंसे 15 ट्रैकर्स में से शेष बचे चार ट्रैकर्स के शवों को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने सफलतापूर्वक निकाल लिया। इस हादसे में बचे लोगों को भी आगे की देखभाल और स्वास्थ्य लाभ के लिए हवाई मार्ग से नज़दीकी चिकित्सा केंद्र ले जाया गया है। वायुसेना ने इस चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
वायुसेना ने कल राहत-बचाव ऑपरेशन शुरू किया था, जो अब पूरी तरह से संपन्न हो गया है। सहस्त्र ताल में तीन जीवित बचे लोगों और पांच ट्रैकर्स के शवों को कल सफलतापूर्वक निकाल लिया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान वायुसेना के जवानों ने बेहद कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जान जोखिम में डालकर इस रेस्क्यू मिशन को अंजाम दिया।
अधिक ऊंचाई और ऊबड़-खाबड़ इलाके के कारण, यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था। बेस कैंप तक पहुंचने के लिए दो हल्के वजन वाले चीता हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया गया, जबकि निकटतम चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाने के लिए मीडियम लिफ्ट Mi17 V5 हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया गया। इस दौरान, हेलीकॉप्टरों के पायलटों ने अद्भुत कौशल और धैर्य का परिचय दिया।
भारतीय वायुसेना के इस सराहनीय कार्य की स्थानीय प्रशासन और आम जनता ने खूब सराहना की है। वायुसेना के इस अदम्य साहस और तत्परता ने न केवल फंसे हुए लोगों की जान बचाई बल्कि उनके परिवारों को भी राहत दी है।
वायुसेना की इस त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी आपदा या आपातकालीन स्थिति में तत्पर और सक्षम हैं। इस तरह की घटनाएं हमारे देश की सशक्त सुरक्षा प्रणाली और मानवता के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।