Almora: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के बाद जागेश्वर मंदिर में मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘मंदिर माला मिशन’ के तहत जागेश्वर मंदिर का सौन्दर्यीकरण और विकास कार्य किया जाएगा। इस मास्टर प्लान के तहत जागेश्वर क्षेत्र के कई मकान, दुकान, और होटलों को तोड़ कर मंदिर के आसपास का क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
इस मास्टर प्लान को लेकर जागेश्वर के व्यापारी, भवन स्वामी और स्थानीय लोग चिंतित हैं। वे मास्टर प्लान की स्थिति को स्पष्ट करने और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। श्री ज्योतिर्लिंग धाम के मुख्य पुजारी हेमन्त भट्ट ने कहा कि मास्टर प्लान के कार्य में स्थानीय लोगों को विश्वास में लिया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि सरकार टूटने वाले घर, होटल और दुकानों के बदले दूसरी जगह पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं करे\
Almora: मुख्य पुजारी का बयान:
मुख्य पुजारी हेमन्त भट्ट ने स्पष्ट किया कि अगर जागेश्वर के लोगों को विश्वास में नहीं लिया गया तो मास्टर प्लान का विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग और समर्थन के बिना इस परियोजना को सफल बनाना मुश्किल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस परियोजना के तहत प्रभावित होने वाले लोगों को उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए।
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प्रशासनिक दृष्टिकोण:
Almora: सरकार ने आश्वासन दिया है कि मास्टर प्लान के तहत सभी प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाएगा और उन्हें दूसरी जगह पर वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा है कि जागेश्वर मंदिर का विकास कार्य उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
Almora: निष्कर्ष
जागेश्वर मंदिर में मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य शुरू होने जा रहा है, जिससे मंदिर का सौन्दर्यीकरण और विकास होगा। हालांकि, स्थानीय लोगों की चिंताएं और मुआवजे की मांग को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि इस परियोजना को सफलतापूर्वक और संवेदनशीलता के साथ पूरा किया जाए।
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