Kedarnath धाम की प्राकृतिक आपदा में गौरीकुंड से लेकर केदार धाम के पैदल मार्ग में श्रद्धालु विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। जिनसे इस त्रासदी की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक का दृश्य
सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक का मार्ग भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से पूरी तरह से अवरुद्ध हो चुका है। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी हैं और मलबे के कारण यात्रियों का मार्ग बंद हो गया है। भारी बारिश के कारण पैदल मार्ग में फंसे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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गौरीकुंड से केदारनाथ तक का दृश्य
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का मार्ग भी भूस्खलन और बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां फंसे लोग भोजन और पानी की कमी से जूझ रहे हैं। एसडीआरएफ और अन्य राहत दल लगातार बचाव कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन कठिन भौगोलिक स्थितियों के कारण उन्हें भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
यात्रियों की सुरक्षा और बचाव कार्य
राहत दल के जवान ड्रोन की मदद से इलाके की निगरानी कर रहे हैं। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा खुद जवानों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर संभव मदद की जा रही है ताकि फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सके।
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बचाव कार्य में आ रही मुश्किलें
भारी बारिश और दुर्गम मार्ग के कारण बचाव कार्य में काफी मुश्किलें आ रही हैं। कई स्थानों पर सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी हैं और भारी मलबा पड़ा हुआ है। इसके बावजूद, राहत दल अपने काम में लगे हुए हैं और फंसे हुए लोगों को निकालने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
सरकार और प्रशासन की अपील
सरकार और प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। राहत कार्य लगातार जारी है और जल्द ही सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जाएगा।
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