Nepal News: पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश की वजह से कुशीनगर में बड़ी गंडक नदी नारायणी उफान पर है। नारायणी नदी के किनारे बसे दर्जनों गांव के लोग दहशत में हैं। बीते दिनों बाल्मीकि बैराज से छोड़े गए 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी की वजह से जो तस्वीरें सामने आई थीं, वे डरा देने वाली थीं। अब फिर से नेपाल ने पानी छोड़ा है, जिससे ग्रामीण और अधिक भयभीत हो चुके हैं।
ग्रामीणों में नारायणी का खौफ
ग्रामीणों में नारायणी का खौफ बढ़ता जा रहा है। चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है और उफनाती नदी का तेज पानी ग्रामीणों के दिलों में दहशत पैदा कर रहा है। कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील के महदेवा और सालिगपुर गांव की तस्वीरें इस खौफनाक स्थिति का स्पष्ट चित्रण करती हैं।
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नेपाल में हो रही भारी बारिश की वजह से नारायणी नदी अपने रौद्र रूप में है, जिससे बड़ी गंडक नदी नारायणी के तटीय इलाकों में रहने वाले दर्जनों गांवों के लोगों के लिए आफत बन गई है।
Nepal News: पानी के साये में बीत रहा दिन और रात
नारायणी नदी के किनारे बसे गांवों के लोग पानी के साये में दिन और रात बिता रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं बाढ़ का पानी उनके घरों को बहा न ले जाए। ग्रामीणों का कहना है कि वे हर साल इसी डर के साये में जीते हैं, लेकिन इस बार स्थिति और भी गंभीर है। नेपाल से छोड़े गए पानी ने उनके जीवन को और भी मुश्किल बना दिया है।
क्या फिर से रुलाएगी नारायणी?
हर साल की तरह इस बार भी बारिश के पहले बाढ़ खंड के अधिकारी चिन्हित बाढ़ प्रभावित गांवों में आते हैं और बाढ़ से बचाव की तैयारियां कराते हैं। लेकिन जब बाढ़ आती है तो सारी तैयारियों की पोल खुल जाती है। इस बार भी यही हुआ। बाढ़ नियंत्रण को लेकर बाढ़ खंड के अधिकारियों ने क्या-क्या तैयारी की थी, इसे बताने के लिए यह तस्वीर ही काफी है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण उन्हें हर साल इस आपदा का सामना करना पड़ता है।
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Nepal News: ग्रामीणों का संघर्ष और सरकार की जिम्मेदारी
ग्रामीणों का संघर्ष जारी है। वे हर साल बाढ़ का सामना करते हैं और अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए संघर्ष करते हैं। सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे बाढ़ से बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाएं और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। बाढ़ नियंत्रण के उपायों को समय पर लागू किया जाना चाहिए ताकि नारायणी का रौद्र रूप हर साल गांवों को न रुला सके।
Nepal News: समाप्ति
नारायणी नदी का रौद्र रूप देखकर कुशीनगर के ग्रामीण भयभीत हैं। नेपाल में हो रही भारी बारिश ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरकार और प्रशासन को इस गंभीर स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और प्रभावी उपाय करने चाहिए ताकि ग्रामीणों को हर साल इस त्रासदी का सामना न करना पड़े।
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