Uttarakhand: रुद्रप्रयाग जनपद के कांडा भरदार निवासी नायक सूबेदार आनंद सिंह रावत देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए हैं। आतंकवादी हमले में शहीद होने की खबर मिलते ही उनके परिवार और गांव में शोक का माहौल छा गया।
शहीद आनंद सिंह रावत अपने पीछे पत्नी विजया रावत और दो बच्चों, मनीष (15 वर्ष) और अंशुल (11 वर्ष) का परिवार छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी और बच्चे देहरादून के केशव विहार शिवगली गुजरो वाला के पास रहते हैं, जबकि शहीद की मां मोली देवी (72 वर्ष) और बड़ा भाई कुंदन सिंह रावत गांव कांडा में रह रहे थे।
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विस्तृत विवरण:
Uttarakhand: नायक सूबेदार आनंद सिंह रावत का जन्म रुद्रप्रयाग के कांडा भरदार गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई गांव में ही पूरी की। आनंद सिंह 2001 में सेना में भर्ती हुए और 22 गढ़वाल राइफल में तैनात थे। अपनी सेवा के दौरान, उन्होंने देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उनकी सेवा के 24 साल पूरे हो चुके थे। दो साल पहले ही उन्हें प्रमोशन मिला था।
शहीद आनंद सिंह छह महीने पहले ही छुट्टी पर अपने परिवार के पास देहरादून आए थे। इसी बीच, वे गांव भी गए थे। वर्तमान में वे जम्मू कश्मीर में तैनात थे, जहां आतंकवादी हमले में उनकी जान चली गई। शहीद के घर पर लोगों की भीड़ जुट रही है और हर कोई अपने गांव के इस वीर सपूत के बलिदान पर गर्व महसूस कर रहा है।
Uttarakhand: अंतिम संस्कार:
आज सूर्यप्रयाग घाट पर शहीद आनंद सिंह रावत का अंतिम संस्कार होगा। इस अवसर पर पूरे क्षेत्र से लोग उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए जुटेंगे। शहीद के सम्मान में विभिन्न सामाजिक संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
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Uttarakhand: गांव में शोक का माहौल:
Uttarakhand: मंगलवार को कांडा भरदार गांव में एक शादी समारोह था, लेकिन जैसे ही आनंद सिंह के शहीद होने की खबर मिली, उत्साह का माहौल मातम में बदल गया। गांव में बारात शांति के साथ आई और शांति के साथ चली गई। इस दौरान ढोल दमाऊ नहीं बजाए गए और हर किसी की आंखों में आंसू थे। यह घटना पूरे गांव के लिए गहरा सदमा लेकर आई है और सभी गांववासी इस वीर सपूत की याद में गमगीन हैं।
शहीद आनंद सिंह रावत का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा और उनके द्वारा किए गए इस सर्वोच्च बलिदान के लिए देश हमेशा ऋणी रहेगा।
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