Uttarakhand में सशक्त भू कानून लागू करने की लंबे समय से की जा रही मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। इसका प्रमुख कारण राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा किया गया बड़ा दावा है। हरीश रावत ने कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार सत्ता में आती है, तो राज्य में सशक्त भू कानून लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर जरूरत से ज्यादा जमीन वापस ली जाएगी और भू-कानून को और मजबूत किया जाएगा।
हरीश रावत के इस दावे के बाद राज्य की सियासत में उबाल आ गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने भी इस पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि राज्य के हित में जो भी कानून हो, उसे लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने कानून में बदलाव करके इंडस्ट्री लैंड का लैंड यूज बदलने की अनुमति दी है, जिसे कांग्रेस सरकार सत्ता में आते ही सशक्त भू कानून के तहत देखा जाएगा।
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Uttarakhand: इस बीच, भाजपा ने हरीश रावत के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा का कहना है कि हरीश रावत केवल कांग्रेस की सरकार बनने का सपना देख रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अपने कार्यकाल में हरीश रावत ने सशक्त भू कानून क्यों नहीं लागू किया।
कुल मिलाकर, हरीश रावत के बयान ने एक बार फिर सशक्त भू कानून के मुद्दे को गरमा दिया है। राज्य में सशक्त भू कानून और मूल निवास 1950 को लेकर आंदोलन भी गतिमान है। अब सवाल यह है कि क्या धामी सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और राज्य में सशक्त भू कानून लागू करेगी या नहीं।