Uttarakashi जनपद के निवासी और वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. शिवप्रसाद कुड़ियाल ने सेवानिवृत्ति के बाद अपनी जन्मभूमि में मरीजों की सेवा शुरू की है। जबकि नई पीढ़ी के डॉक्टर पहाड़ों में सेवा देने से कतराते हैं, वहीं डॉ. कुड़ियाल ने इस क्षेत्र में अपने अनुभव और विशेषज्ञता के साथ चिकित्सा सेवा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
सेवानिवृत्ति के बाद की यात्रा
डॉ. कुड़ियाल ने 2022 में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्ति ली थी। इसके बाद उन्होंने मैक्स अस्पताल देहरादून में 5 लाख रुपए प्रतिमाह और डून मेडिकल कॉलेज देहरादून में 3 लाख रुपए प्रतिमाह की उच्च वेतन वाली नौकरियों को छोड़कर उत्तरकाशी लौटने का निर्णय लिया। उनका मानना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा की अत्यंत आवश्यकता है और उन्हें अपनी जन्मभूमि में ही यह सेवा जारी रखनी चाहिए।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा
डॉ. कुड़ियाल का कहना है, “हम लोग पहाड़ के रहने वाले हैं। जबकि डॉक्टरों की अति आवश्यकता पहाड़ों में है, लेकिन हम नीचे देहरादून और अन्य शहरों की ओर रुख करते हैं। हमें पहाड़ों में अपनी सेवा देनी चाहिए।” उन्होंने उत्तरकाशी जिला चिकित्सालय में 8 साल तक सेवा दी है और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर भी एक साल कार्य किया है।
अल्ट्रासाउंड सुविधाओं में सुधार
उत्तरकाशी में सरकारी अस्पताल के अलावा प्राइवेट में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। कई बार मरीजों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए देहरादून जाना पड़ता है, जिससे उनके खर्चे बढ़ जाते हैं। डॉ. कुड़ियाल ने देहरादून से आधे रेट में जनपद में ही अल्ट्रासाउंड सेवा प्रदान करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, ग्रामीण दूरदराज क्षेत्र से गरीब लोगों का अल्ट्रासाउंड मुफ्त में किया जाता है और कभी-कभी मरीजों को आने-जाने का किराया भी दिया जाता है।
नई पीढ़ी के डॉक्टरों के लिए संदेश
डॉ. कुड़ियाल ने नए डॉक्टरों से अपील की है कि वे भी पहाड़ी क्षेत्रों में सेवा देने का संकल्प लें। उनका मानना है कि युवाओं में इस दिशा में अधिक जागरूकता और प्रेरणा होनी चाहिए ताकि पहाड़ी क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके।