Uttarakashi जनपद के मोरी तहसील के लिवाड़ी गांव में लोक निर्माण विभाग की ट्राली बंद होने के कारण ग्रामीणों की जान जोखिम में पड़ गई है। सुपीन नदी में तेज बहाव के चलते सुरक्षित पुल न होने पर ग्रामीण पेड़ों की बालियों के सहारे नदी पार कर रहे हैं।
सुपीन नदी में ट्राली का महत्व और बंद होने का असर
लोक निर्माण विभाग की ओर से लिवाड़ी गांव के लिए कासला से सुपीन नदी पर ट्राली लगाई गई थी, जो कुछ समय तक चालू रही। लेकिन हाल ही में यह ट्राली बंद हो गई है, जिससे ग्रामीणों को खाद्य सामग्री गांव तक पहुंचाने में बड़ी दिक्कत हो रही है।
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पारंपरिक पुल का बहना और ट्राली का अस्थायी समाधान
पहले ग्रामीणों ने सुपीन नदी पर एक पारंपरिक पुल बनाया था, लेकिन नदी के तेज बहाव के कारण वह पुल बह गया था। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने ट्राली लगाई, जो कुछ समय तक चली, लेकिन अब वह भी बंद हो चुकी है। विभाग ने बताया कि ट्राली मात्र 10 से 5 बजे तक ही चलती है और उसके बाद बंद कर दी जाती है।
ग्रामीणों का नया जोखिम भरा प्रयास
ट्राली के बंद होने के बाद, ग्रामीण अब पेड़ों की बालियों से बना पुल बनाकर नदी पार कर रहे हैं। इस अस्थायी पुल पर पार करते समय थोड़ा भी पैर फिसलने से ग्रामीण सीधे नदी के तेज बहाव में बह सकते हैं। यह स्थिति न केवल जीवन के लिए खतरा पैदा कर रही है, बल्कि खाद्य सामग्री के आने-जाने में भी बाधा डाल रही है।
स्थानीय लोगों की चिंताएं और मांग
ग्रामीणों ने कहा कि पुल और ट्राली न होने के कारण उनका जीवन बहुत कठिन हो गया है। “हमारे लिए यह बहुत मुश्किल हो गया है कि खाद्य सामग्री समय पर गांव तक पहुंच सके। अगर ट्राली ठीक से चलाई जाती, तो हम बिना किसी जोखिम के नदी पार कर पाते,” ग्रामीणों ने शिकायत की।
प्रशासन की ओर से कदम
Uttarakashi इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, लोक निर्माण विभाग को उचित कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि वे स्थायी पुल बनाकर उनकी समस्याओं का समाधान करें और ट्राली की कार्यवाही को भी बढ़ाएं ताकि ग्रामीणों की जान और उनके जीवन में सुधार हो सके।