Uttarakhand कांग्रेस को एक बड़ा झटका तब लगा जब पार्टी की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा द्वारा की गई नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश जारी किया। ये नियुक्तियां जिला और ब्लॉक कमेटियों में की गई थीं, जो लोकसभा चुनाव के दौरान हुई थीं। प्रदेश प्रभारी के इस निर्णय ने पार्टी में हलचल मचा दी है।
नियुक्तियों को रद्द करने का कारण
प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने स्पष्ट किया कि इन नियुक्तियों के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की मंजूरी नहीं ली गई थी। इसी कारण, इन सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है। इससे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उनके द्वारा की गई नियुक्तियों पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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गुटबाजी और आंतरिक विवाद
इस निर्णय ने कांग्रेस के भीतर गुटबाजी और आंतरिक विवादों को और बढ़ा दिया है। कुछ विधायकों ने पहले ही इन नियुक्तियों का विरोध किया था, क्योंकि इनमें उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया था। अब, यह स्थिति केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों पर भी असर डाल सकती है।
भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार
भाजपा ने इस आंतरिक विवाद को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जब भी कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी उत्तराखंड आती हैं, पार्टी में उथल-पुथल मच जाती है। इस स्थिति का लाभ भाजपा को मिल सकता है।
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने इस निर्णय को “शिकायती पत्र” के आधार पर लिया गया कदम बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी में मंथन चल रहा है और जल्द ही इन समस्याओं का समाधान निकाल लिया जाएगा।
क्या कांग्रेस संभल पाएगी?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के अंदर गुटबाजी और आंतरिक विवाद पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस कैसे इन झटकों से उबर पाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।