High Court के आदेश से उत्तराखंड शिक्षा विभाग की भर्ती प्रक्रिया पर रोक

Uttarakhand शिक्षा विभाग में BRP (ब्लॉक रिसोर्स पर्सन) और CRP (क्लस्टर रिसोर्स पर्सन) के लगभग 1000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया हाई कोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल रोक दी गई है। इस निर्णय के बाद शिक्षा विभाग और सरकार ने आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।

हाई कोर्ट का आदेश और शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया

हाई कोर्ट ने इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया को रोकते हुए शिक्षा विभाग से इस मामले में स्पष्टता और पारदर्शिता की मांग की है। इस आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है और कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने में जुट गया है।

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उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस मामले पर कहा, “हम हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और जल्द ही विधिक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग इस आदेश का पालन करते हुए आगे की रणनीति तैयार कर रहा है ताकि सभी प्रक्रियाएं पारदर्शिता के साथ पूरी की जा सकें।”

शिक्षा महानिदेशक की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन करके विभाग उचित कार्रवाई करेगा। हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की भी तैयारी कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द इस मामले का समाधान निकाला जा सके और भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू हो सके।”

भर्ती प्रक्रिया पर रोक के प्रभाव

इस आदेश से राज्य में शिक्षा क्षेत्र में कई प्रश्न खड़े हो गए हैं। BRP और CRP के पदों पर भर्ती प्रक्रिया रुकने से शिक्षा विभाग में कई महत्वपूर्ण पद खाली रह गए हैं, जिससे विभाग के कामकाज पर असर पड़ रहा है।

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आगे की रणनीति

शिक्षा विभाग ने इस आदेश के बाद विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। विभाग उच्च न्यायालय के आदेश का पूरी तरह से पालन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रहा है।

शिक्षा मंत्री का बयान

डॉ. धन सिंह रावत ने अपने बयान में कहा, “हमने उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन शुरू कर दिया है और विधिक टीम के साथ मिलकर आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि शिक्षा विभाग में सभी प्रक्रियाएं पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित हों।”

शिक्षा महानिदेशक का बयान

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को ले जाने की तैयारी कर रहे हैं ताकि न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान निकाला जा सके। हम शिक्षा विभाग के सभी कर्मियों और आवेदकों को विश्वास दिलाते हैं कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द ही सकारात्मक समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।”

समाप्ति

इस पूरी स्थिति ने राज्य में शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा खड़ा कर दिया है। सरकार और शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने और जल्द से जल्द समाधान निकालने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की ओर हैं, जहां इस मामले का अंतिम समाधान निकलने की उम्मीद है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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