Uttarakhand में भारी बारिश और बाढ़ के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है और दो लोग बह गए हैं। इसके बाद सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गई है। स्थिति का जायजा लेने के लिए केबिनेट मंत्री गणेश जोशी रुद्रपुर पहुंचे और जिला आपदा कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर राहत सहायता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
सोमवार को बारिश ने सितारगंज और खटीमा क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी। इन क्षेत्रों में अनेकों इलाके जलमग्न हो गए और सैकड़ों लोग बाढ़ में फंस गए। जल पुलिस और एसडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 981 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
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Uttarakhand: कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों के साथ बैठक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी ली और उन्हें तत्काल आवश्यक सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “आपदा को कोई रोक नहीं सकता, लेकिन आपदा के बाद सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ लोगों को राहत देने का कार्य कर रही है।”
मंत्री जोशी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बाढ़ प्रभावित लोगों को खाद्य सामग्री, पानी, और चिकित्सा सुविधा जैसी आवश्यकताओं को तुरंत उपलब्ध कराएं।
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Uttarakhand: मंत्री ने बताया, “हमने एसडीआरएफ और जल पुलिस के माध्यम से 981 लोगों को रेस्क्यू किया है। सरकार सभी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को कोई कठिनाई न हो और उन्हें तुरंत राहत प्रदान की जाए।”
स्थानीय निवासियों ने बाढ़ के कारण हुई तबाही को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण उनके घरों और संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “बारिश ने हमारी जिंदगी को तहस-नहस कर दिया है। हमें सरकार से मदद की जरूरत है और हमें उम्मीद है कि हमें जल्द ही राहत मिलेगी।”
Uttarakhand: सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए हैं और वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।
यह समय सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण है, लेकिन राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाकर और लोगों की मदद करके वे इस संकट को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।
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