Uttarakhand में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू होने की दिशा में अब तेजी से काम चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि अक्टूबर तक प्रदेश में समान नागरिक संहिता पूरी तरह से लागू हो जाएगी। इसके साथ ही, समान नागरिक संहिता क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने भी पुष्टि की है कि अक्टूबर तक समिति नियमावली तैयार कर देगी, जिसके बाद समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा।
शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों के लोग भी समान नागरिक संहिता में आकर विवाह का पंजीकरण करा सकते हैं। इस पंजीकरण से उन्हें लाभ मिलेगा और यह प्रक्रिया सरल और सुव्यवस्थित होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लीविंग रिलेशनशिप में जो रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, उसके तहत किसी की निजता का हनन नहीं किया जाएगा।
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Uttarakhand: समान नागरिक संहिता लागू करने का उद्देश्य प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए समान कानून व्यवस्था स्थापित करना है, जिससे सभी को एक समान अधिकार और सुविधाएं प्राप्त हो सकें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यह कदम प्रदेश में सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने आगे बताया कि नियमावली बनाने के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है, जो विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रही है। इस प्रक्रिया में जनजातीय समुदायों, महिलाओं, और अन्य समाज के वर्गों के प्रतिनिधियों से परामर्श लिया जा रहा है, ताकि उनकी आवश्यकताओं और चिंताओं को ध्यान में रखा जा सके।
Uttarakhand: समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, जहां यह कानून लागू होगा। इससे प्रदेश में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है। समान नागरिक संहिता के तहत विवाह, तलाक, संपत्ति, और उत्तराधिकार जैसे मामलों में एक समान नियम लागू होंगे, जिससे विभिन्न धार्मिक और सामाजिक समुदायों के बीच एकरूपता आएगी।
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समिति के कार्य और राज्य सरकार की तैयारी को देखते हुए यह स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से अपील की है कि वे इस कदम का समर्थन करें और प्रदेश में सामाजिक समानता और न्याय की स्थापना में योगदान दें।
Uttarakhand: यह कदम न केवल राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल पेश करेगा। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने से सामाजिक एकता और कानून व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
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